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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं की पोषण संबंधी आवश्यकताएँ

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं की सेहत पर ध्यान देना आवश्यक है। यह लेख बताता है कि कैसे मां की डाइट बच्चे की सेहत को प्रभावित करती है और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जानें कि कैसे सही आहार लेने से मां और बच्चे दोनों की सेहत में सुधार हो सकता है।
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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं की पोषण संबंधी आवश्यकताएँ

महिलाओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग का महत्व

आपने अक्सर सुना होगा कि हर महिला को अपने नवजात शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करानी चाहिए, ताकि बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। इसलिए माताओं को एक संतुलित और स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी जाती है। यह माना जाता है कि मां की डाइट का सीधा असर बच्चे की सेहत पर पड़ता है। यदि मां ऐसी चीजें खाती हैं जो गैस या ब्लोटिंग का कारण बनती हैं, तो इससे बच्चे की सेहत भी प्रभावित हो सकती है.


ब्रेस्टफीडिंग का प्रभाव

क्या आपने कभी सोचा है कि जब महिलाएं अपने नवजात बच्चे की सेहत के लिए डाइट का ध्यान रखती हैं, तो इसका उनके अपने स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है? एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है?


महिलाओं में पोषक तत्वों की कमी

ब्रेस्टफीडिंग करने वाली माताओं की सेहत पर इसका प्रभाव पड़ता है। यदि मां को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, तो इससे बच्चे के शरीर में भी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। कई महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग के कारण कमजोर महसूस करती हैं, जिससे उन्हें थकान का अनुभव होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मां का दूध बच्चे के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों का स्रोत होता है।


पोषक तत्वों की बढ़ती आवश्यकता

ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाओं को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। कई महिलाएं इस दौरान दिन में तीन बार भारी भोजन करती हैं, जबकि बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में दूध की आवश्यकता होती है। इससे मां के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.


सीमित आहार

ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाएं उन खाद्य पदार्थों से परहेज करती हैं जो बच्चे की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। जैसे कि डिलीवरी के कुछ दिनों बाद महिलाएं बंदगोभी, फूलगोभी, चने, राजमा और छोले का सेवन नहीं करती हैं। नॉनवेज खाने वाली महिलाएं भी कुछ समय के लिए मांसाहारी भोजन से दूर रहती हैं, जिससे उनके पास पौष्टिक विकल्प कम रह जाते हैं.


आवश्यक पोषक तत्व

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जैसे प्रोटीन, कैलोरी, विटामिन और मिनरल्स। विशेष रूप से विटामिन डी, विटामिन बी12 और आयरन की आवश्यकता होती है। आयरन की कमी से शरीर में रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है.


डॉक्टर की सलाह

ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाओं को पोषक तत्वों के मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहिए। यदि किसी महिला में पहले से पोषक तत्वों की कमी है, तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करके सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है। अपनी डाइट में विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां शामिल करना चाहिए, और नॉनवेज खाने वालों को इसे भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए.