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भगवान की कृपा पाने के लिए पूजा में ध्यान देने योग्य बातें

भगवान की कृपा पाने के लिए पूजा में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। इस लेख में हम तुलसी, दूर्वा और गंगा जल के सही उपयोग के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं। जानें कि पूजा में क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए ताकि आपकी मनोकामनाएँ पूरी हो सकें।
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भगवान की कृपा पाने के लिए पूजा में ध्यान देने योग्य बातें

भगवान की कृपा के लिए पूजा में सावधानियाँ


हर कोई चाहता है कि भगवान की कृपा उन पर बनी रहे और उनकी सभी इच्छाएँ पूरी हों। इसी उद्देश्य से लोग देवताओं की पूजा करते हैं। हालांकि, कई बार भक्ति के बावजूद मनोकामनाएँ पूरी नहीं होतीं। ऐसे में यह समझना आवश्यक है कि पूजा में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।


यदि आप भी भगवान की कृपा पाने के लिए उत्सुक हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। यहाँ हम पूजा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कर रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए।


तुलसी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

स्नान के बिना तुलसी को न छुएं


हिंदू धर्म में तुलसी को देवी का दर्जा दिया गया है। इसलिए, स्नान किए बिना तुलसी को छूना या तोड़ना वर्जित है। ऐसा करने से पाप लग सकता है और दुखों का सामना करना पड़ सकता है।


तुलसी तोड़ने का निषेध


ग्रंथों के अनुसार, रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रांति और शाम के समय तुलसी को तोड़ना मना है। यदि आप ऐसा करते हैं, तो इसके अशुभ परिणाम हो सकते हैं।


सूर्य देव की पूजा में सावधानियाँ

अर्घ्य देने का सही तरीका


हिंदू धर्म में शंख का पूजा में विशेष महत्व है, लेकिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए शंख का उपयोग करना गलत है। इसके लिए तांबे के लौटे का उपयोग करना शुभ माना जाता है।


पंचदेव की पूजा का महत्व


भगवान गणेश, सूर्य, देवी दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु को पंचदेव माना जाता है। हवन-पूजन से पहले इनकी पूजा करना अनिवार्य है। यदि रोजाना पूजा संभव न हो, तो इन्हें याद करना भी लाभकारी है।


दूर्वा और गंगा जल से जुड़ी बातें

दूर्वा का उपयोग


भगवान श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाना शुभ है, लेकिन देवी दुर्गा को अर्पित करना निषिद्ध है। इसके अलावा, रविवार को दूर्वा तोड़ने से बचें।


गंगा जल का सही भंडारण


गंगा जल को प्लास्टिक, एल्युमीनियम या लोहे के बर्तनों में नहीं रखना चाहिए। इन धातुओं को अपवित्र माना जाता है। तांबे के बर्तन में गंगा जल रखना अधिक शुभ है।