भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद: संभावित रणनीतियाँ

भारत अमेरिका टैरिफ विवाद
भारत अमेरिका टैरिफ विवाद: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% तक का टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे वैश्विक व्यापार में हलचल मच गई है। ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदता रहा है, जिससे अमेरिका की नाराजगी बढ़ी है। इस कारण भारत पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है, जो 21 दिन बाद लागू होगा। इस घोषणा के बाद भारत की विदेश नीति और व्यापार रणनीति पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है।
भारत सरकार ने इस कदम को अनुचित बताते हुए कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत का अगला कदम क्या होगा? क्या वह अमेरिका के साथ टकराव करेगा, रूस से दूरी बनाएगा या कोई कूटनीतिक समाधान निकालेगा? आइए जानते हैं भारत के पास मौजूद 7 प्रमुख विकल्प जो इस टैरिफ संकट का सामना करने में मदद कर सकते हैं।
1. 21 दिन की मोहलत: बातचीत का मौका
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का प्रभाव 21 दिन बाद शुरू होगा। भारत इस समय का उपयोग अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए कर सकता है, ताकि कोई समझौता किया जा सके। यदि वार्ता सफल होती है, तो टैरिफ को टाला भी जा सकता है।
2. डिप्लोमेसी का रास्ता
भारत अमेरिका के साथ कूटनीतिक स्तर पर संपर्क कर सकता है और रूस से तेल आयात में कमी लाकर राहत मांग सकता है। कार्यकारी आदेश की धारा 4(c) इस विकल्प की अनुमति देती है।
3. WTO और G20 का सहारा
भारत इस मुद्दे को WTO और G20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाकर इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताकर समर्थन जुटा सकता है।
4. रूस के साथ नई रणनीति
भारत रूस के साथ मिलकर रुपये-रूबल भुगतान प्रणाली जैसी रणनीति विकसित कर सकता है, जिससे अमेरिकी दबाव को कम किया जा सके। इसके अलावा, वह अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका से तेल खरीदने के विकल्प भी तलाश सकता है।
5. जवाबी टैरिफ
यदि अमेरिका अपने निर्णय से पीछे नहीं हटता, तो भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगा सकता है, जैसा कि उसने 2019 में किया था।
6. घरेलू सपोर्ट सिस्टम
भारत अपने छोटे और मध्यम उद्योगों को सब्सिडी या प्रोत्साहन देकर इस टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकता है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में बने रहें।
7. व्यापार के नए बाजार
भारत अमेरिकी बाजार पर निर्भरता कम करने के लिए यूरोप, दक्षिण एशिया और अफ्रीका में नए व्यापार अवसरों की खोज कर सकता है, जिससे दीर्घकालिक राहत मिल सकती है।
निष्कर्ष
ट्रंप के टैरिफ की घोषणा ने भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है, लेकिन भारत के पास कई रणनीतिक विकल्प हैं। बातचीत, वैश्विक समर्थन, घरेलू मजबूती और जवाबी नीति का उपयोग करके भारत इस चुनौती को अवसर में बदल सकता है।