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भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक नौसैनिक अभ्यास कोंकण 2025 का समापन

भारत और ब्रिटेन के बीच कोंकण 2025 नामक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास हाल ही में संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर, दोनों देशों की नौसेनाओं ने पहली बार एक साथ समुद्री अभ्यास किया, जिसका उद्देश्य उच्च समुद्रों पर उनकी सामरिक क्षमताओं को बढ़ाना था। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत और ब्रिटिश रॉयल नेवी के एचएमएस रिचमंड ने भाग लिया। जानें इस अभ्यास के महत्व और इसके पीछे की रणनीतियों के बारे में।
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भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक नौसैनिक अभ्यास कोंकण 2025 का समापन

कोंकण 2025: भारतीय और ब्रिटिश नौसेनाओं का संयुक्त अभ्यास

नई दिल्ली। भारतीय और ब्रिटिश नौसेनाओं के बीच कोंकण 2025 नामक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। इस दौरान ब्रिटिश नौसेना का जहाज एचएमएस रिचमंड मुंबई के बंदरगाह पर पहुंचा। यह जहाज ब्रिटिश रॉयल नेवी के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। ब्रिटिश रक्षा सलाहकार ने जानकारी दी कि इस अभ्यास के दौरान भारतीय और ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पहली बार एक साथ आए हैं। कोंकण अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं की समुद्री और वायु क्षमताओं को उच्च समुद्रों पर बढ़ाना है।

यह द्विपक्षीय अभ्यास, जिसे कोंकण-25 के नाम से जाना जाता है, पांच अक्टूबर को भारत के पश्चिमी तट पर शुरू हुआ था। पिछले 20 वर्षों में इस अभ्यास का स्तर और जटिलता काफी बढ़ी है, जिससे दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री संचालन में बेहतर समन्वय और समझ विकसित हुई है। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह अभ्यास 2004 से द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जा रहा है, लेकिन यह पहली बार है जब ब्रिटिश और भारतीय कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने एक साथ समुद्री अभ्यास किया है। यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, जो वर्तमान में ऑपरेशन हाईमास्ट के तहत आठ महीने की तैनाती पर है, ने भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत के नेतृत्व में चार दिनों के जटिल समुद्री अभ्यास के लिए सहयोग किया। इस अभ्यास में दोनों देशों की पनडुब्बियां और विभिन्न विमान भी शामिल थे। यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का गठन एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स, जो कि 65 हजार टन का क्वीन एलिजाबेथ क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर है, के इर्द-गिर्द किया गया है। यह समूह एफ-35बी लाइटनिंग विमान और मर्लिन तथा वाइल्डकैट हेलीकॉप्टरों का संचालन करता है। एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स के नेतृत्व में यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की भागीदारी ने इस वर्ष के अभ्यास को और भी रोमांचक बना दिया। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के वाहक युद्ध समूह ने किया, जिसमें अन्य सतह, उप-सतह और वायु लड़ाकू विमान शामिल थे।