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भारत की आर्थिक विकास दर में गिरावट, एनएसओ ने जारी किया नया अनुमान

केंद्र सरकार के सांख्यिकी विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विकास दर का नया अनुमान जारी किया है, जिसमें जीडीपी की वृद्धि दर में कमी आई है। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है। कृषि क्षेत्र में थोड़ी सुधार के बावजूद, अन्य क्षेत्रों में गिरावट देखी गई है। जानें इस गिरावट के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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भारत की आर्थिक विकास दर में गिरावट, एनएसओ ने जारी किया नया अनुमान

विकास दर का नया अनुमान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के सांख्यिकी विभाग, जिसे एनएसओ के नाम से जाना जाता है, ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विकास दर का एक अंतरिम अनुमान प्रस्तुत किया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष की चौथी और अंतिम तिमाही, यानी जनवरी से मार्च 2025 में विकास की गति में कमी आई है। इस तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही, जिसके चलते पूरे वित्त वर्ष की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर हो गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 9.2 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, कृषि क्षेत्र में थोड़ी सुधार के कारण विकास दर 7.4 प्रतिशत तक पहुंच पाई, अन्यथा अधिकांश क्षेत्रों में गिरावट देखी गई।


पिछले वर्ष की समान तिमाही, यानी जनवरी से मार्च 2024 में जीडीपी की वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत थी। इस तुलना में, जनवरी से मार्च 2025 में विकास दर में एक प्रतिशत की कमी आई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त और रियल एस्टेट क्षेत्र में तीन प्रतिशत तक की गिरावट आई, जबकि ट्रेड और होटल क्षेत्र में लगभग डेढ़ प्रतिशत की कमी देखी गई। साल दर साल के आधार पर, विनिर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक लगभग आठ प्रतिशत की कमी आई, और खनन में भी मामूली गिरावट आई। कृषि को छोड़कर सभी क्षेत्रों में गिरावट आई, जिससे अंतिम तिमाही की विकास दर प्रभावित हुई और इसका असर पूरे वर्ष की विकास दर पर पड़ा।


हालांकि, केंद्र सरकार ने शुक्रवार, 30 मई को शाम चार बजे वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर का अंतरिम अनुमान जारी किया, जो 7.4 प्रतिशत रही। इससे पहले, वित्त वर्ष 2024-2025 की तीसरी तिमाही, यानी अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में जीडीपी विकास दर 6.2 प्रतिशत रही थी। हालांकि, अधिकांश एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर का अनुमान घटाकर 6.5 से 6.7 प्रतिशत तक कर दिया था।


भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने पहले कहा था कि वित्त वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था को 6.5 प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए चौथी तिमाही, यानी जनवरी से मार्च में 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ना होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रयागराज महाकुंभ से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और इससे 6.5 प्रतिशत का जीडीपी विकास दर का लक्ष्य पूरा करने में सहायता मिलेगी।