भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर विदेश सचिव का स्पष्ट बयान

विदेश सचिव का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी यात्रा से पहले, विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने मंगलवार (22 जुलाई) को रूस से तेल खरीदने के संबंध में पश्चिमी देशों के बढ़ते दबाव पर भारत की स्थिति स्पष्ट की। मिश्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और देश अपनी जनता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
ऊर्जा सुरक्षा भारत की प्राथमिकता
विदेश सचिव ने कहा, "हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऊर्जा सुरक्षा के मामले में भारत सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता देश की जनता के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इसके लिए हम वह करेंगे जो जरूरी है।"
यूरोपीय संघ के नए प्रतिबंध और भारत पर प्रभाव
यूरोपीय संघ के नए प्रतिबंधों का प्रभाव
यह बयान यूरोपीय संघ द्वारा रूस पर यूक्रेन युद्ध के कारण लगाए गए नए प्रतिबंधों के बाद आया है। ईयू ने रूसी कच्चे तेल से बने ईंधन पर प्रतिबंध और तेल की कीमत सीमा को कम करने जैसे कदम उठाए हैं। इसके अलावा, रूस की तेल कंपनी रोसनेफ्ट की भारतीय संयुक्त उद्यम रिफाइनरी और नई बैंकिंग पाबंदियों को भी निशाना बनाया गया है।
अमेरिका की कड़ी चेतावनी
अमेरिका का कड़ा रुख
अमेरिका ने भी कड़ा रुख अपनाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अमेरिकी नेताओं ने भारत, चीन और ब्राजील जैसे ब्रिक्स देशों को रूस से तेल आयात जारी रखने पर गंभीर आर्थिक दंड की चेतावनी दी है।
भारत की स्थिति और भविष्य की रणनीति
भारत की ऊर्जा सुरक्षा
भारत ने हमेशा अपनी ऊर्जा जरूरतों को प्राथमिकता दी है, और मिश्री के बयान इस दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। रूस से तेल आयात भारत की ऊर्जा सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत अपने हितों को संतुलित करने की कोशिश करेगा।