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भारत की नई रणनीति: रेयर अर्थ धातुओं पर चीन के प्रतिबंध का सामना

चीन ने हाल ही में रेयर अर्थ धातुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है, जिससे वैश्विक उद्योगों में हलचल मच गई है। भारत ने इस संकट को एक अवसर में बदलने का निर्णय लिया है और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाने की योजना बनाई है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत अब किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहेगा और वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखलाओं की खोज तेज कर दी गई है। जानें भारत की नई रणनीति और इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
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भारत की नई रणनीति: रेयर अर्थ धातुओं पर चीन के प्रतिबंध का सामना

चीन का रेयर अर्थ एक्सपोर्ट बैन

रेयर अर्थ एक्सपोर्ट बैन: हाल ही में चीन ने रेयर अर्थ धातुओं के निर्यात पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर हलचल मच गई है। नियोडिमियम, डाइस्प्रोसियम और टेरबियम जैसी रेयर अर्थ धातुएं आधुनिक तकनीकों जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोनों, पवन टरबाइनों और मिसाइल सिस्टम के लिए अत्यंत आवश्यक मानी जाती हैं। यह जानकर चौंकाने वाला है कि विश्व की 90% रेयर अर्थ प्रोसेसिंग केवल चीन के माध्यम से होती है। चीन द्वारा इन धातुओं पर प्रतिबंध लगाने के बाद, भारत सहित कई देशों के उद्योगों में संकट उत्पन्न हो गया है। हालांकि, भारत अब केवल चिंता नहीं कर रहा है, बल्कि एक ठोस योजना के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठा रहा है।


पीयूष गोयल का आत्मनिर्भरता का संदेश

आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम- पीयूष गोयल


भारत सरकार ने इस संकट को एक चेतावनी के रूप में लिया है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत अब रेयर अर्थ के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहेगा। भारत ने वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखलाओं की खोज को तेज कर दिया है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और वियतनाम जैसे देशों के साथ रणनीतिक योजना बनाई जा रही है ताकि रेयर अर्थ की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।


स्विट्ज़रलैंड में अपने आधिकारिक दौरे के दौरान, गोयल ने बताया कि भारत घरेलू स्तर पर इन खनिजों की खोज, प्रोसेसिंग और उत्पादन पर विशेष ध्यान दे रहा है। सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत रेयर अर्थ से जुड़े उद्योगों को सहयोग देने की योजना बनाई है।


घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम

घरेलू उत्पादन को बढ़ावा


मंत्री के अनुसार, इस घटनाक्रम ने भारत की नीति को नया रूप दिया है। पहले जो खनिज संसाधन उपेक्षित माने जाते थे, अब वही राष्ट्रीय सुरक्षा और औद्योगिक विकास का केंद्र बन गए हैं। भारत ने आंध्र प्रदेश, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में इन खनिजों की खोज के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा, निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए भी आमंत्रित किया गया है।


भारत की वैश्विक भूमिका में बदलाव

वैश्विक भूमिका में भारत


भारत अब रेयर अर्थ के मामले में चीन पर निर्भरता को कम कर रहा है। यह बदलाव न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में है, बल्कि रणनीतिक स्वतंत्रता की ओर भी एक महत्वपूर्ण कदम है। चीन की पाबंदियों ने भारत को एक मजबूत और दूरदर्शी नीति अपनाने के लिए प्रेरित किया है। यह बदलाव भारत को दीर्घकालिक लाभ पहुंचाएगा। आने वाले वर्षों में, रेयर अर्थ के क्षेत्र में भारत की भूमिका न केवल मजबूत होगी, बल्कि अन्य देशों के लिए नए विकल्प के रूप में उभरेगी।