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भारत की रक्षा रणनीति: ऑपरेशन सिंदूर अब एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में शामिल

भारत की रक्षा रणनीति को दर्शाने वाला ऑपरेशन सिंदूर अब एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाएगा। यह विशेष शिक्षण मॉड्यूल छात्रों को आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई और राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। संसद में इस विषय पर चर्चा भी शुरू होने वाली है, जिससे छात्रों और जनता में जागरूकता बढ़ेगी। जानें इस ऑपरेशन के पीछे की कहानी और इसके शैक्षिक महत्व के बारे में।
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भारत की रक्षा रणनीति: ऑपरेशन सिंदूर अब एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में शामिल

ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

भारत की रक्षा नीति और कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं को उजागर करने वाला ऑपरेशन सिंदूर अब कक्षा 3 से 12 तक की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) इस ऑपरेशन के लिए एक विशेष शिक्षण मॉड्यूल विकसित कर रही है। यह मॉड्यूल दो खंडों में विभाजित होगा - पहला कक्षा 3 से 8 के लिए और दूसरा कक्षा 9 से 12 के लिए।


भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई


भारत ने मई 2025 में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की उनके परिवारों के सामने हत्या कर दी गई थी। एनसीईआरटी का यह मॉड्यूल 8 से 10 पृष्ठों का होगा, जो पहलगाम हमले के संदर्भ में भारत की सैन्य रणनीति पर केंद्रित होगा। सूत्रों के अनुसार, इसका उद्देश्य छात्रों को यह समझाना है कि राष्ट्र आतंकवादी खतरों का सामना कैसे करता है और राष्ट्रीय सुरक्षा में रक्षा, कूटनीति और मंत्रालयों के बीच समन्वय की भूमिका क्या होती है।


संसद में चर्चा का आगाज़


ऑपरेशन सिंदूर पर संसद के मौजूदा मानसून सत्र में सोमवार से चर्चा शुरू होने जा रही है, जिससे सत्र में रुकावटें समाप्त होंगी। विपक्ष ने सत्र के पहले दिन इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह और एस जयशंकर के 16 घंटे की बहस में भाग लेने की संभावना है, जो तीन दिनों तक चलेगी। यह मॉड्यूल और चर्चा छात्रों और जनता में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होंगे। यह शैक्षिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल छात्रों को भारत की रक्षा नीतियों से अवगत कराएगा, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ देश की दृढ़ता को भी उजागर करेगा।