भारत की रूस से तेल खरीदने की रणनीति: ट्रंप के बयान के बावजूद जारी
भारत ने रूस से तेल खरीदने की अपनी नीति को जारी रखा है, भले ही पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत ऐसा नहीं करेगा। इस लेख में जानें कि भारत की तेल खरीद नीति के पीछे क्या कारण हैं, और कैसे यह वैश्विक बाजार में प्रभाव डालती है। भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस का बड़ा योगदान है, और यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत ने अपनी खरीद रणनीति को कैसे समायोजित किया है।
Aug 2, 2025, 12:15 IST
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भारत की तेल खरीद नीति पर ट्रंप का बयान
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। इसके बावजूद, भारतीय तेल रिफाइनरियां अभी भी रूसी आपूर्तिकर्ताओं से तेल प्राप्त कर रही हैं। ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात भी की थी। भारत ने स्पष्ट किया है कि रूस से तेल खरीदने का निर्णय कई आर्थिक कारकों पर आधारित है, जैसे कि कीमत, कच्चे तेल का ग्रेड, और रसद। अमेरिका और यूरोपीय आयोग ने रूस पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है, इसलिए रूस से तेल खरीदना किसी भी अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन नहीं है। भारतीय तेल कंपनियों ने ईरान या वेनेज़ुएला से तेल खरीदने से परहेज किया है, क्योंकि ये देश अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, भारतीय ओएमसी ने हमेशा अमेरिकी द्वारा निर्धारित $60 की मूल्य सीमा का पालन किया है। हाल ही में, यूरोपीय संघ ने रूसी कच्चे तेल के लिए $47.6 की नई मूल्य सीमा की सिफारिश की है, जो 3 सितंबर, 2025 से लागू होगी.भारत की तेल खरीद के पीछे के कारण
भारत लगभग 85 प्रतिशत कच्चे तेल का आयात करता है और अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न स्रोतों से तेल खरीदता है। यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद, भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। इसके पीछे कई कारण हैं:
- बड़ा उत्पादक और निर्यातक: रूस दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है, जो प्रतिदिन लगभग 9.5 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करता है। भारत के कुल कच्चे तेल आयात का 35-40% अब रूस से आता है।
- रियायती कीमतें: मार्च 2022 में, जब वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें बढ़ने लगीं, तब भारत ने सस्ती कीमतों पर ऊर्जा सुरक्षित करने के लिए अपनी खरीद रणनीति को समायोजित किया।
- राष्ट्रीय हित: भारत ने हमेशा कहा है कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों पर आधारित है और वह किसी भी देश के दबाव में नहीं आएगा।
- प्रतिबंधों का अनुपालन: भारतीय तेल कंपनियां उन देशों से तेल नहीं खरीद रही हैं जिन पर अमेरिकी प्रतिबंध हैं, जैसे ईरान और वेनेज़ुएला।