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भारत के 7 अद्भुत प्रोबायोटिक सुपरफूड्स जो पेट के लिए फायदेमंद हैं

क्या आप जानते हैं कि दही के अलावा भी कई भारतीय खाद्य पदार्थ हैं जो पेट के लिए फायदेमंद बैक्टीरिया से भरपूर हैं? इस लेख में हम आपको भारत के 7 अद्भुत प्रोबायोटिक सुपरफूड्स के बारे में बताएंगे, जो न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि आपकी आंतों को भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। जानें कांजी, ढोकला, इडली, और अन्य देसी विकल्पों के बारे में जो आपकी डाइट में शामिल किए जा सकते हैं।
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भारत के 7 अद्भुत प्रोबायोटिक सुपरफूड्स जो पेट के लिए फायदेमंद हैं

प्रोबायोटिक्स और पेट की सेहत

जब भी हम पेट की सेहत या प्रोबायोटिक्स की चर्चा करते हैं, तो दही का नाम सबसे पहले आता है। यह एक उत्कृष्ट प्रोबायोटिक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय रसोई में कई ऐसे खजाने हैं जो पेट के लिए फायदेमंद बैक्टीरिया से भरपूर हैं? ये खमीरीकृत खाद्य पदार्थ न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि आंतों को स्वस्थ रखने में दही से भी अधिक प्रभावी हो सकते हैं। आइए, भारत के 7 देसी प्रोबायोटिक सुपरफूड्स के बारे में जानते हैं:


1. कांजी:

होली के समय बनने वाला यह खट्टा-चटपटा पेय किसी अमृत से कम नहीं है। काली गाजर, चुकंदर, पानी और मसालों से तैयार कांजी पेट के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह पाचन में सुधार लाता है और गर्मियों में शरीर को ठंडा रखता है।


2. ढोकला:

गुजरात का यह नरम और स्पंजी नाश्ता न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। चने की दाल और चावल को फर्मेंट करके बनाया गया ढोकला पचाने में आसान होता है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है।


3. इडली/डोसा:

दक्षिण भारत का यह प्रसिद्ध नाश्ता प्रोबायोटिक्स का एक बेहतरीन स्रोत है। चावल और दाल को घंटों तक फर्मेंट करने से इसमें अच्छे बैक्टीरिया विकसित होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।


4. अचार:

घर का बना पारंपरिक अचार (बिना तेल और सिरके वाला) प्रोबायोटिक्स का खजाना होता है। सब्जियों को नमक और मसालों के साथ फर्मेंट करने से उनमें फायदेमंद बैक्टीरिया उत्पन्न होते हैं। बाजार में मिलने वाले तेल से भरे अचार की जगह घर के बने पानी वाले अचार को प्राथमिकता दें।


5. पझया सोरू (पंता भात):

पूर्वी भारत और तमिलनाडु में खाया जाने वाला यह "बासी भात" सेहत के लिए वरदान है। रात के बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर रखा जाता है और सुबह खाया जाता है। यह प्रक्रिया चावल में प्रोबायोटिक्स की मात्रा को कई गुना बढ़ा देती है।


6. हांडवो:

यह भी एक गुजराती डिश है, जो मसालेदार केक जैसी होती है। इसे दाल और चावल को फर्मेंट करके और सब्जियां डालकर बनाया जाता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पेट के लिए बहुत लाभकारी है।


7. सेल् रोटी:

यह नेपाल और सिक्किम में लोकप्रिय एक पारंपरिक मीठी रोटी है, जिसे चावल के आटे को फर्मेंट करके बनाया जाता है। इसका हल्का खट्टा-मीठा स्वाद इसे खास बनाता है और यह पाचन के लिए भी अच्छी होती है।


अगली बार जब आप अपने पेट की सेहत का ध्यान रखें, तो दही पर ही न रुकें, इन देसी विकल्पों को भी अपनी डाइट में शामिल करें।