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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 3.51 अरब डॉलर की वृद्धि

हाल ही में भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 3.51 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है, जो अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के प्रभाव को नकारती है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, यह भंडार 694.23 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। इसके साथ ही, जीएसटी दरों में बदलाव का सोने और चांदी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। जानें इस विषय में और क्या खास है।
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 3.51 अरब डॉलर की वृद्धि

भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि


अमेरिका के टैरिफ का असर नकारते हुए भारतीय मुद्रा भंडार में वृद्धि


भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 29 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार 3.41 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 694.23 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। यह वृद्धि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के प्रभाव को नकारते हुए हुई है। पिछले सप्ताह में, भंडार 4.386 अरब डॉलर घटकर 690.72 अरब डॉलर रह गया था।


विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां, 1.686 अरब डॉलर बढ़कर 583.937 अरब डॉलर हो गई हैं। इन आस्तियों में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं जैसे यूरो, पाउंड और येन के उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव शामिल है।


जीएसटी दरों में बदलाव का प्रभाव

सोने और चांदी पर जीएसटी दरें स्थिर


सोने और चांदी पर जीएसटी की दरें अभी भी तीन प्रतिशत पर बनी हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी के नए ढांचे का इन कीमती धातुओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद ने कहा है कि जीएसटी सुधारों से हीरा और आभूषण क्षेत्र को काफी राहत मिली है।


सरकार ने डायमंड इम्प्रेस्ट ऑथराइजेशन स्कीम (डीआईएएस) के तहत 25 सेंट तक के प्राकृतिक कटे और पॉलिश किए गए हीरों के आयात को आईजीएसटी से छूट देने का निर्णय लिया है। पहले इस पर 18 प्रतिशत आईजीएसटी लागू था।


इस कदम से कार्यशील पूंजी का दबाव कम होगा और छोटे हीरा प्रसंस्करण में लगे निर्माताओं और निर्यातकों को सहायता मिलेगी। इसके अलावा, ज्वेलरी बक्सों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के लिए लागत कम हो जाएगी।