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भारत के सबसे घातक विमान हादसे: अहमदाबाद क्रैश से पहले के तीन बड़े हादसे

भारत में कई बड़े विमान हादसे हुए हैं, जिनमें से तीन सबसे घातक घटनाएं अहमदाबाद विमान दुर्घटना से पहले हुईं। 1978 में एयर इंडिया का हादसा, 1996 में चारखी दादरी की मिड-एयर टकराव और 2010 में मंगलौर का हादसा शामिल हैं। इन घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान गई और कई परिवारों को प्रभावित किया। जानें इन हादसों के कारण और उनके पीछे की कहानियाँ।
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भारत के सबसे घातक विमान हादसे: अहमदाबाद क्रैश से पहले के तीन बड़े हादसे

भारत में बड़े हवाई हादसे

अहमदाबाद विमान दुर्घटना से पहले भारत में तीन प्रमुख हवाई हादसे हुए हैं, जिनमें भारी जानमाल का नुकसान हुआ। 1978 में एक हादसे में 213 लोग, 1996 में 349 लोग और 2010 में 158 लोग मारे गए। हरियाणा के चरखी दादरी में 1996 में घटित घटना को भारत का सबसे बड़ा और विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मिड-एयर टकराव माना जाता है। 12 नवंबर 1996 को, चरखी दादरी के पास दो विमानों की टक्कर में 349 यात्रियों की जान गई।


चरखी दादरी में हादसे का विवरण

12 नवंबर 1996 को, दिल्ली से धाहरण जा रही सऊदी अरेबियन एयरलाइंस की उड़ान की टक्कर कजाकिस्तान एयरलाइंस की उड़ान से हुई। इस दुर्घटना में दोनों विमानों में सवार सभी 349 लोग मारे गए। यह घटना भारत का सबसे भयानक हवाई हादसा है। जांच में दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोल की गलती उजागर हुई, जिसने दोनों विमानों को एक ही हवाई गलियारे में गलत ऊंचाई पर उड़ान भरने की अनुमति दी।


349 यात्रियों की मौत का कारण

कजाक विमान को 15,000 फीट की ऊंचाई पर होना चाहिए था, लेकिन वह 14,100 फीट पर उड़ रहा था। पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल के निर्देशों का पालन नहीं किया। कजाक विमान में पुराने उपकरण थे और दिल्ली ATC के पास सेकेंडरी रडार की कमी थी, जिससे टकराव से बचने की चेतावनी नहीं मिली। सऊदी बोइंग 747 की तेज गति के कारण भीषण टक्कर हुई। दोनों विमान जमीन पर गिर गए और विस्फोट हो गए। भारत सरकार द्वारा गठित जस्टिस आर.सी. लाहोटी आयोग ने ATC की खामियों और कजाक पायलट की गलती को जिम्मेदार ठहराया।


1978 में एयर इंडिया का हादसा

1 जनवरी 1978 को, मुंबई से दुबई जा रही एयर इंडिया की उड़ान 855 टेकऑफ के तुरंत बाद अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 213 लोगों की जान गई। जांच में पाया गया कि पायलट ने विमान को गलत दिशा में मोड़ दिया था। अंधेरे में पायलट को क्षितिज का अंदाजा नहीं था, जिससे विमान असंतुलित हो गया।


213 लोगों की मौत का कारण

भारत सरकार द्वारा गठित जस्टिस एच.आर. खन्ना आयोग ने पायलट की गलती और उपकरण की खराबी को जिम्मेदार ठहराया। इस हादसे ने पायलट प्रशिक्षण और उपकरणों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।


2010 में एयर इंडिया का हादसा

22 मई 2010 को, दुबई से मंगलौर जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान 812 लैंडिंग के दौरान घाटी में गिर गई। इस हादसे में 166 लोगों में से 158 की मौत हो गई। केवल 8 लोग बच पाए। जांच में पता चला कि पायलट ने फर्स्ट ऑफिसर की चेतावनी को नजरअंदाज किया।