भारत ने फ्रांस के साथ तेजस मार्क 2 के लिए स्वदेशी इंजन बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया

भारत का नया ट्रंप कार्ड
डोनाल्ड ट्रंप अक्सर कहते हैं कि उनके पास सभी पत्ते हैं, लेकिन अब भारत ने अपना असली ट्रंप कार्ड खेल दिया है। हाल ही में, भारत ने फ्रांस की साफरन कंपनी के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना शुरू किया है, जिसमें तेजस मार्क 2 फाइटर जेट के लिए पूरी तरह से मेड इन इंडिया इंजन बनाने की पेशकश की गई है। इससे अमेरिकी जीईएफ इंजन के अनुबंध पर खतरा मंडराने लगा है। यह कदम अमेरिका को चौंका देने वाला है और फ्रांस को एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है।
साफरन का प्रस्ताव
फ्रेंच एयरोस्पेस कंपनी साफरन ने भारत सरकार और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को एक नया इंजन विकसित करने का प्रस्ताव दिया है, जो पूरी तरह से भारत में निर्मित होगा। इसके साथ ही, साफरन ने तकनीकी हस्तांतरण की भी पेशकश की है, जिससे भारत को इंजन की कोर तकनीक प्राप्त हो सकती है, जो अमेरिका ने कभी किसी को नहीं दी।
वर्तमान स्थिति
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह प्रस्ताव GE F414 इंजनों के सह-उत्पादन के लिए 2023 में हस्ताक्षरित मौजूदा समझौते को रद्द करने का संकेत नहीं है। हालांकि, सितंबर 2025 तक वाणिज्यिक वार्ताएँ जारी रहेंगी। भारतीय वायु सेना (IAF) के तेजस Mk-1A जेट विमानों के समय पर शामिल होने पर अमेरिकी निर्यात नियंत्रण और प्रमाणन संबंधी मुद्दों का असर पड़ रहा है।
भारतीय वायुसेना की योजना
भारतीय वायुसेना, जो लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी का सामना कर रही है, एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत 83 तेजस एमके-1ए विमानों को शामिल करने की योजना बना रही है। सफल हथियार परीक्षणों के आधार पर, पहले दो उन्नत एमके-1ए जेट अगले महीने आने की उम्मीद है। साफरन की पहल भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत करेगी, जिसमें 2026 तक हैदराबाद में राफेल इंजनों के लिए एक एमआरओ सुविधा स्थापित करने की योजना भी शामिल है।