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भारत-मालदीव संबंधों पर चीन की चिंताएं बढ़ीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मालदीव यात्रा ने भारत और मालदीव के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इस यात्रा के दौरान भारत ने मालदीव को 565 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा की और मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई। हालांकि, इस बढ़ती नजदीकी ने चीन की चिंताओं को भी जन्म दिया है, जिसके सरकारी मीडिया ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस यात्रा के महत्व और चीन की प्रतिक्रिया के बारे में।
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भारत-मालदीव संबंधों पर चीन की चिंताएं बढ़ीं

भारत की मालदीव यात्रा का महत्व

भारत-मालदीव संबंधों पर चीन की प्रतिक्रिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में मालदीव की दो दिवसीय यात्रा से लौटे हैं। यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि उन्हें मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यकाल में किसी विदेशी नेता की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी। इस दौरान भारत ने मालदीव को 565 मिलियन डॉलर (लगभग 4,800 करोड़ रुपये) की ऋण सहायता की घोषणा की, जिसका उपयोग अस्पतालों, स्कूलों, आवास और बुनियादी ढाँचे के विकास में किया जाएगा।


भारत और मालदीव के बीच बढ़ती नजदीकियां

इसके अलावा, भारत और मालदीव ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई। राष्ट्रपति मुइज्जू ने मोदी की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए भारत को एक विश्वसनीय साझेदार और 'प्रथम प्रतिक्रियादाता' कहा।


चीन की चिंताएं

भारत से दोस्ती पर चिढ़ा चीन

मुइज्जू ने 'इंडिया आउट' के नारे के साथ सत्ता में आने के बाद भारत को अपनी सेना वापस बुलाने के लिए मजबूर किया। अब, वह भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं ताकि मालदीव की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा जा सके। इस बीच, भारत और मालदीव के बीच बढ़ती नजदीकियों ने चीन की चिंता को बढ़ा दिया है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने इस यात्रा की भारतीय मीडिया कवरेज पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कहा गया है कि भारत इसे मालदीव में चीन के प्रभाव के कमजोर होने के रूप में देख रहा है।


चीन की प्रतिक्रिया

चीन ने दी ये प्रतिक्रिया

बीजिंग के सिंघुआ विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ कियान फेंग ने भारतीय मीडिया के दृष्टिकोण को 'पुरानी सोच' करार दिया है, जो 'शून्य-योग खेल' की मानसिकता को दर्शाता है। चीन ने यह भी याद दिलाया कि मुइज्जू ने जनवरी में बीजिंग का दौरा किया था और तब उन्होंने चीन को मालदीव का सबसे करीबी मित्र बताया था। मुइज्जू ने कहा था कि मालदीव वैश्विक शांति और न्याय के लिए चीन के प्रयासों का समर्थन करता है। हालाँकि, वर्तमान घटनाक्रम यह दर्शाते हैं कि मुइज्जू की विदेश नीति अब संतुलन की ओर बढ़ रही है और भारत के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी जा रही है।