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भारत में फार्मासिस्टों के लिए टीकाकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत

भारत में डॉक्टरों और नर्सों की कमी को देखते हुए, इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन ने फार्मासिस्टों के लिए टीकाकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह कार्यक्रम मई से शुरू होगा और इसका उद्देश्य 2025 तक टीकाकरण करने वालों की संख्या को 12.5 लाख तक बढ़ाना है। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।
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भारत में फार्मासिस्टों के लिए टीकाकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत

फार्मासिस्टों के लिए टीकाकरण प्रशिक्षण का महत्व


भारत में चिकित्सा पेशेवरों, विशेषकर डॉक्टरों और नर्सों की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे कई लोग उचित इलाज से वंचित रह जाते हैं। यह स्थिति विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक चिंताजनक है। इस समस्या के समाधान के लिए, इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (आईपीए) ने फार्मासिस्टों के लिए एक टीकाकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाई है।


यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मई से शुरू होगा, जिसमें आईपीए का लक्ष्य है कि 2025 तक टीकाकरण करने वालों की संख्या को 12.5 लाख तक बढ़ाया जाए। भारतीय फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन के अनुसार, इस पहल से वैश्विक संक्रामक रोगों जैसे कोरोना के दौरान कम से कम 25 प्रतिशत लोगों की जान बचाई जा सकेगी।



प्रशिक्षण में भाग लेने वाले फार्मासिस्टों को पहले 15 दिनों का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा, इसके बाद पंजीकृत अस्पतालों में 15 दिनों का आमने-सामने का प्रशिक्षण होगा। यह कार्यक्रम मई 2023 में शुरू होगा। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले फार्मासिस्टों को IBI और WHO द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।


आईपीए के अध्यक्ष टीवी नारायण ने बताया कि सरकार ने फार्मासिस्टों को टीकाकरण प्रशिक्षण देने की अनुमति पहले ही दे दी है। यह प्रणाली अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में पहले से ही लागू है।