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भारत में मानसून की दस्तक: बारिश से प्रभावित जनजीवन और बढ़ता जलस्तर

भारत में मानसून ने दस्तक दे दी है, जिससे कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, जबकि हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। मुंबई में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या भी बढ़ गई है। जानें इस मौसम के प्रभावों के बारे में और मछुआरों के लिए जारी चेतावनियों के बारे में।
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भारत में मानसून की दस्तक: बारिश से प्रभावित जनजीवन और बढ़ता जलस्तर

मौसम में बदलाव: मानसून की सक्रियता

देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम ने अचानक बदलाव दिखाया है, और मानसून अब पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। उत्तर और दक्षिण भारत के कई राज्यों में बारिश हो रही है, जिससे आम जनजीवन पर असर पड़ रहा है।


दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अगले 24 घंटों में दिल्ली, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, सौराष्ट्र-कच्छ, पश्चिमी राजस्थान, रायलसीमा और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो अब खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर और बढ़ सकता है। राजधानी के निचले इलाकों में जलभराव की घटनाएं सामने आई हैं, और प्रशासन ने कई क्षेत्रों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।


हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश का कहर

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तेज बारिश के कारण भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं और 385 से अधिक सड़कें बाधित हैं। मंडी और सिरमौर जिलों में दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद पड़े हैं।


मुंबई में जलभराव और ट्रैफिक जाम

मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भारी बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। कर्नाटक, गोवा, दक्षिण छत्तीसगढ़, तेलंगाना, विदर्भ और पंजाब के कुछ हिस्सों में भी भारी से मध्यम वर्षा का अनुमान है। दिल्ली में गुरुवार को बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ बारिश की संभावना है। तापमान 30–32°C के बीच रहने की उम्मीद है.


मछुआरों के लिए चेतावनी

मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 23 से 28 जुलाई तक अरब सागर के किनारे गुजरात, कोंकण, गोवा, कर्नाटक और केरल तटों पर न जाएं। दक्षिण ओमान, यमन तट, लक्षद्वीप और मालदीव क्षेत्रों में भी समुद्री गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है।