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भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता: पीएम मोदी का बयान और इसके लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और यूके के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते को साझा समृद्धि का एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, सुरक्षा सहयोग और भारतीय प्रवासियों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की संभावना रखता है, जिससे भारतीय उद्योगों और किसानों को लाभ होगा। जानें इस समझौते के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता: पीएम मोदी का बयान और इसके लाभ

भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को साझा समृद्धि का एक महत्वपूर्ण कदम बताया। 24 जुलाई को इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, पीएम मोदी ने प्रेस को संबोधित करते हुए यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और उनकी सरकार का जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा के लिए आभार व्यक्त किया।


आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा, "हम इस विश्वास में एकजुट हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा देने वाली ताकतों को लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह बयान बिना किसी देश का नाम लिए पाकिस्तान की ओर इशारा करता है।


सुरक्षा सहयोग और आर्थिक अपराधियों पर कार्रवाई

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और यूके की सुरक्षा एजेंसियां आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण में सहयोग को और मजबूत करेंगी। उन्होंने वैश्विक शांति और स्थिरता पर भारत के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा, "हमने इंडो-पैसिफिक में शांति और स्थिरता, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान जारी रखा है।"


भारतीय प्रवासियों की भूमिका

पीएम मोदी ने यूके में भारतीय मूल के लोगों को दोनों देशों के बीच एक "जीवंत सेतु" बताया। उन्होंने कहा, "वे न केवल भारत से करी लाए, बल्कि रचनात्मकता, प्रतिबद्धता और चरित्र भी लाए।"


एफटीए के लाभ

यह मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की संभावना रखता है। भारत के कपड़ा, जूते, रत्न और आभूषण, समुद्री खाद्य और इंजीनियरिंग सामान उद्योगों को लाभ होगा। भारतीय किसानों को भी बड़ा फायदा होगा, क्योंकि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को ब्रिटिश बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी।