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भारत-रूस संबंधों में नई मजबूती: पुतिन की यात्रा से बने कई महत्वपूर्ण समझौते

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस को भारत का करीबी मित्र बताया, जबकि पुतिन ने कहा कि वे केवल तेल और गैस की चर्चा के लिए नहीं आए थे। इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें जलपोत निर्माण और भारतीय छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएं शामिल हैं। जानें इस यात्रा के प्रमुख बिंदु और भविष्य की दिशा।
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भारत-रूस संबंधों में नई मजबूती: पुतिन की यात्रा से बने कई महत्वपूर्ण समझौते

पुतिन की भारत यात्रा का महत्व

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 27 घंटे की भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस को भारत का करीबी मित्र बताया। पुतिन ने भी स्पष्ट किया कि वे केवल तेल और गैस की चर्चा के लिए नहीं आए थे। इस यात्रा में दोनों नेताओं के बीच की केमिस्ट्री भी देखने को मिली। द्विपक्षीय वार्ता के बाद कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी और पुतिन की मुलाकातें इस दौरान कई बार हुईं। शुक्रवार को उन्होंने द्विपक्षीय वार्ता की, बिजनेस फोरम को संबोधित किया और साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। इससे पहले गुरुवार को, मोदी ने पुतिन का स्वागत किया और उन्हें अपने सरकारी आवास पर प्राइवेट डिनर के लिए ले गए।


समझौतों की विस्तृत जानकारी

पुतिन भारत और रूस के बीच 23वें वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने आए थे। इस सम्मेलन के अलावा, मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसके परिणामस्वरूप कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। हालांकि, इस दौरान किसी बड़े रक्षा सौदे की घोषणा नहीं की गई। पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि दोनों देशों के बीच लड़ाकू विमानों की खरीद का एक बड़ा सौदा हो सकता है। रक्षा सौदों के अलावा, लगभग डेढ़ दर्जन अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।


भारत-रूस सहयोग के नए आयाम

भारत और रूस ने जलपोत निर्माण, भारतीय नाविकों को बर्फीले समुद्री क्षेत्रों में प्रशिक्षण, नई शिपिंग लेन में निवेश, परमाणु ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारत ने रूस के नागरिकों को 30 दिन का मुफ्त वीजा देने की घोषणा की, जबकि रूस ने भारतीय छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने का वादा किया। दोनों देशों ने यह सुनिश्चित किया कि तेल की आपूर्ति बिना किसी रुकावट के जारी रहेगी। पुतिन ने भारत से आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की खरीद बढ़ाने का भी आश्वासन दिया।


दोनों नेताओं की दृष्टि

प्रधानमंत्री मोदी ने रूस को भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक बताया और कहा कि भारत-रूस की मित्रता स्थिर और अटल है। पुतिन ने कहा कि उनकी टीम केवल तेल और गैस के सौदों के लिए नहीं आई है, बल्कि वे हर क्षेत्र में संबंधों को बढ़ाना चाहते हैं। पुतिन ने अगले साल मॉस्को में होने वाले भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए मोदी को आमंत्रित किया। मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापार 2030 तक 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य है, जो कि वर्तमान में 64 अरब डॉलर है और इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है।


भविष्य की दिशा

मोदी ने कहा, '25 साल पहले पुतिन ने साझेदारी की नींव रखी थी। इस दौरान मानवता ने कई संकट देखे हैं, लेकिन भारत-रूस की मित्रता स्थिर रही है। पिछले 25 वर्षों में, पुतिन ने अपनी नेतृत्व क्षमता से हमारे संबंधों को मजबूत किया है।' उन्होंने बताया कि आज दोनों देशों के नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और नए व्यवसाय के अवसर खुलेंगे। मोदी ने कहा कि भारत और रूस अब इनोवेशन, को-प्रोडक्शन और को-क्रिएशन की नई यात्रा शुरू कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य केवल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाना नहीं है, बल्कि मानवता की भलाई सुनिश्चित करना भी है।