भारतीय क्रिकेट के सलामी बल्लेबाज़ों का SENA टेस्ट सीरीज़ में योगदान
भारतीय सलामी बल्लेबाज़ों की महत्ता
भारतीय क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज़ों का योगदान हमेशा महत्वपूर्ण रहा है, विशेषकर SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) के खिलाफ टेस्ट मैचों में। हाल ही में, केएल राहुल ने इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 में शानदार बल्लेबाज़ी की, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय ओपनर कितने महत्वपूर्ण होते हैं। आइए जानते हैं उन पांच भारतीय सलामी बल्लेबाज़ों के बारे में, जिन्होंने SENA टेस्ट सीरीज़ में अपनी बल्लेबाज़ी से दर्शकों का दिल जीता और टीम को मजबूती प्रदान की।क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में सुनील गावस्कर का नाम हमेशा जीवित रहेगा। 1977 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में गावस्कर ने 450 रन बनाकर अपनी काबिलियत साबित की थी। उनकी तकनीक और समझदारी ने उस समय भारतीय टीम को विश्वस्तरीय क्रिकेट में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गावस्कर की यह उपलब्धि उन्हें SENA टेस्ट सीरीज़ में शीर्ष पांच सलामी बल्लेबाज़ों की सूची में रखती है।
जब तेज़ और आक्रामक बल्लेबाज़ी की बात आती है, तो वीरेंद्र सहवाग का नाम सबसे पहले आता है। 2003-04 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सहवाग ने 464 रन बनाए, जो उन्हें SENA सीरीज़ में चौथे स्थान पर रखते हैं। उनकी आक्रामक शैली ने दर्शकों को हमेशा रोमांचित किया और टीम को मजबूत शुरुआत दी।
मुरली विजय ने 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारतीय टीम के लिए 482 रन बनाकर यह साबित किया कि वे भी इस श्रेणी में अपनी जगह बना सकते हैं। उनका संयमित और भरोसेमंद खेल भारतीय टीम को कठिन परिस्थितियों में संभालने में मददगार रहा है। विजय की यह उपलब्धि तीसरे स्थान पर है।
केएल राहुल ने इस वर्ष इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 532 रन बनाए। उनकी निरंतरता और ठंडे दिमाग ने दिखाया कि वे वर्तमान दौर के सबसे भरोसेमंद सलामी बल्लेबाज़ों में से एक हैं। राहुल का यह रिकॉर्ड युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
और अंत में, वह नाम जो भारतीय क्रिकेट में हमेशा चमकता रहेगा, वह है सुनील गावस्कर। 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 542 रन बनाए, जो किसी भी भारतीय सलामी बल्लेबाज़ का SENA टेस्ट सीरीज़ में सबसे बड़ा स्कोर है। इस रिकॉर्ड ने उन्हें इस सूची में सबसे ऊपर बनाए रखा है।