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भारतीय मसालों के स्वास्थ्य लाभ: अल्जाइमर और पार्किंसन से बचाव

भारतीय मसाले न केवल खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि ये मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं। हल्दी, मिर्च, जीरा और लौंग जैसे मसाले अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। जानें इन मसालों के अद्भुत गुण और कैसे ये आपके दिमाग को स्वस्थ रखते हैं।
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भारतीय मसालों के स्वास्थ्य लाभ: अल्जाइमर और पार्किंसन से बचाव

भारतीय मसालों का महत्व

भारतीय मसालों का स्वास्थ्य पर प्रभाव: भारत में अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों की दर अन्य देशों की तुलना में कम है। इसका मुख्य कारण भारतीय भोजन में उपयोग होने वाले मसाले हैं, जो मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं। ये मसाले न्यूरोडीजेनेरेशन को रोकने में सहायक होते हैं, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं। इनमें ऐसे तत्व होते हैं जो याददाश्त को बढ़ाते हैं और दिमागी समस्याओं से बचाते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे मसालों के बारे में जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं।



1. हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो अल्जाइमर रोग को रोकने में मदद करता है और मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखता है। करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो अल्जाइमर के लक्षणों को रोकते हैं। यह रक्त प्रवाह को भी सुचारु बनाता है।


हल्दी न केवल न्यूरोडीजेनेरेशन को रोकती है, बल्कि मस्तिष्क की कोशिकाओं को पुनर्जीवित भी करती है और पार्किंसन से संबंधित प्रोटीन के सामान्यीकरण में मदद करती है।


2. मिर्च में केप्साइसिन होता है, जो नाक और साइनस की म्यूकस मेम्ब्रेन को प्रभावित करता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे साइनस संक्रमण का खतरा कम होता है। मिर्च एक प्राकृतिक दर्द निवारक भी है, जो मस्तिष्क में एंडोर्फिन का स्राव बढ़ाती है, जिससे मूड बेहतर होता है।


3. जीरा मस्तिष्क में एसिटाइलकोलिन के स्तर को बनाए रखता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है, जो याददाश्त को बढ़ाने में सहायक होती है।


4. लौंग में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर करते हैं। लौंग का सेवन स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।