भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव: ट्रंप के वीजा फैसले का प्रभाव

भारतीय शेयर बाजार की स्थिति
भारतीय शेयर बाजार: सोमवार को शेयर बाजार में दो महत्वपूर्ण कारकों का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा गया। एक तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H1B वीजा शुल्क में वृद्धि की घोषणा ने आईटी क्षेत्र के शेयरों को गिराने का काम किया, जबकि दूसरी ओर जीएसटी दरों में कमी ने बाजार को सहारा दिया, जिससे शुरुआती गिरावट के बाद इंडेक्स में जोरदार सुधार देखने को मिला।
शेयर बाजार की शुरुआत
कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 82,626.23 के पिछले बंद स्तर से गिरकर 82,151.07 पर खुला। निफ्टी भी 25,327.05 से टूटकर 25,238.10 पर खुला। शुरुआती मिनटों में आईटी कंपनियों के शेयरों पर दबाव इतना अधिक था कि बाजार लाल निशान में चला गया। हालांकि, जैसे ही निवेशकों को जीएसटी कटौती का प्रभाव समझ में आया, बाजार ने तेजी पकड़ी। खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स मामूली गिरावट के साथ 82,557.88 पर और निफ्टी 25,331.70 पर कारोबार कर रहा था।
कंपनियों के शेयरों में बदलाव
बाजार खुलते ही 2,355 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ खुले, जबकि 948 कंपनियों ने बढ़त दर्ज की। 155 कंपनियों के शेयरों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। निफ्टी पर एसबीआई लाइफ, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स और अडानी पोर्ट्स जैसे शेयरों ने सबसे ज्यादा तेजी दिखाई। वहीं, टेक महिंद्रा, टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल और डॉ रेड्डीज लैब्स जैसे प्रमुख आईटी और हेल्थकेयर शेयर गिरावट में रहे।
आईटी सेक्टर पर प्रभाव
ट्रंप के वीजा फैसले का सबसे अधिक प्रभाव आईटी क्षेत्र पर पड़ा। टेक महिंद्रा 3.74 प्रतिशत, टीसीएस 2.20 प्रतिशत, इंफोसिस 2.10 प्रतिशत और एचसीएल 1.70 प्रतिशत गिर गए। मिडकैप आईटी शेयरों में हेक्सवेयर 5.60 प्रतिशत, एम्फेसिस 4 प्रतिशत और टाटा टेक 2.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। इससे स्पष्ट है कि ट्रंप के ऐलान ने आईटी क्षेत्र को गहरा झटका दिया है।
शेयरों में तेजी
वहीं, दूसरी ओर कई शेयरों ने जोरदार तेजी दिखाई। अडानी पावर 18 प्रतिशत से अधिक चढ़कर 167.55 रुपये पर पहुंच गया। स्मॉलकैप श्रेणी में स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन 15 प्रतिशत, आईआईएल 9 प्रतिशत, बीसीएल इंडिया 7.56 प्रतिशत, एमएमटीसी 7.50 प्रतिशत और नेट वेब 6 प्रतिशत तक चढ़े। मिडकैप शेयरों में पीईएल 5 प्रतिशत, मुथूट फाइनेंस 3 प्रतिशत, कोचीन शिपयार्ड 2.70 प्रतिशत और यस बैंक 2.10 प्रतिशत की तेजी में रहे। इस प्रकार, जहां ट्रंप का H1B वीजा निर्णय बाजार को झटका देने वाला साबित हुआ, वहीं घरेलू मोर्चे पर जीएसटी कटौती की राहत ने निवेशकों का विश्वास लौटाया और बाजार गिरावट से उबरकर सुधार मोड में आ गया।