भारतीय सेना का LUH हेलीकॉप्टर सौदा: सुरक्षा में नई ऊँचाई

भारतीय सेना का LUH हेलीकॉप्टर सौदा
भारतीय सेना LUH सौदा: भारतीय सेना अपने हथियारों के संग्रह को तेजी से आधुनिक बना रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रक्रिया और भी तेज हो गई है। इसी क्रम में, सेना पुराने चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों को नए और उन्नत हेलीकॉप्टरों से बदलने की योजना बना रही है। इसके लिए, सेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 126 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH) खरीदने का निर्णय लिया है।
सूत्रों के अनुसार, यह सौदा अब अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे स्वीकृति मिलने की संभावना है। यह सौदा भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को नई दिशा देगा। LUH हेलीकॉप्टर सामान पहुँचाने और चीन की LAC तथा पाकिस्तान की LOC पर निगरानी रखने में अत्यधिक प्रभावी साबित होंगे।
HAL के LUH हेलीकॉप्टर की विशेषताएँ
LUH हेलीकॉप्टर को भारत में ही डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, इसे विशेष रूप से पहाड़ी और ऊँचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिए तैयार किया गया है।
यह हेलीकॉप्टर 6,500 मीटर (21,300 फीट) की ऊँचाई तक उड़ान भर सकता है। LUH की अधिकतम गति 235 किमी प्रति घंटा है और यह एक बार में 350 किमी तक उड़ान भरने की क्षमता रखता है।
इन विशेषताओं के साथ, LUH सैनिकों और सामान के परिवहन, घायल सैनिकों को निकालने और लद्दाख, सियाचिन तथा अन्य दुर्गम क्षेत्रों में निगरानी जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पुराने चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों का स्थानांतरण
सेना जिन चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर रही है, वे 1960 के दशक की तकनीक पर आधारित हैं और इनमें से कई हेलीकॉप्टर 30 साल से भी अधिक पुराने हैं। इनसे उड़ान भरना अब जोखिम भरा हो गया है। नए LUH हेलीकॉप्टर सेना की सुरक्षा और सामर्थ्य को बढ़ाने में सहायक होंगे।
रिपोर्टों के अनुसार, पहले इस प्रोजेक्ट में कुछ तकनीकी समस्याएँ थीं, जैसे फ्लाइट कंट्रोल और ऑटोपायलट सिस्टम में दिक्कतें। लेकिन अब HAL ने सभी समस्याओं का समाधान कर लिया है और पहले 6 हेलीकॉप्टर भी तैयार हो चुके हैं।