Newzfatafatlogo

भारतीय सेना के लिए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की अहमियत और देरी के कारण

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं, जिसमें अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की आवश्यकता प्रमुख है। हालांकि, इसकी डिलीवरी में देरी हो रही है, जिससे सेना को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस हेलिकॉप्टर की विशेषताएँ और इसके महत्व के पीछे के कारण।
 | 
भारतीय सेना के लिए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की अहमियत और देरी के कारण

सेनाओं की ताकत बढ़ाने की दिशा में कदम

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत की तीनों सेनाएं अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने में जुटी हैं। इस संदर्भ में, भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना उन हथियारों और लड़ाकू हेलिकॉप्टरों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिन्हें पहले ही सेना में शामिल किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। भारतीय सेना को अपने एविएशन कोर के लिए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर का इंतजार है, जो अब तक प्राप्त नहीं हुआ है। थल सेना को निर्धारित समय से दो साल की देरी के बाद भी अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर नहीं मिल सका है.


पायलट और ग्राउंड स्टाफ की ट्रेनिंग

जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना ने अपने एविएशन कोर को तैयार कर लिया है। राजस्थान के जोधपुर में एविएशन कोर की स्क्वॉड्रन ने पिछले साल 2024 में पायलट और ग्राउंड स्टाफ को ट्रेनिंग दी थी। हालांकि, अपाचे की कमी अभी भी सेना के लिए एक चुनौती बनी हुई है। भारतीय सेना की इच्छा है कि पाकिस्तान सीमा पर जल्द से जल्द अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर तैनात किए जाएं। सेना के सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना को 2023 में अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर मिलने की उम्मीद थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई।


बोइंग के साथ डील और देरी

अटैक हेलिकॉप्टर का निर्माण बोइंग कंपनी द्वारा किया जाता है। इस कंपनी के साथ 2020 में भारतीय सेना ने 6 अटैक अपाचे हेलिकॉप्टरों की डील की थी। डील के बाद कहा गया था कि 2024 से हेलिकॉप्टर मिलने शुरू हो जाएंगे, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।


अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर के विशेष कारण

  • अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर को दुनिया के सबसे आधुनिक और घातक हेलिकॉप्टरों में गिना जाता है।
  • यह दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
  • अमेरिका ने पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक तक अपाचे हेलिकॉप्टर का उपयोग किया है।
  • इसमें दो जनरल इलेक्ट्रिक T700 टर्बोशैफ्ट इंजन हैं और यह रात के अंधेरे में भी उड़ान भर सकता है।
  • यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरता है और किसी भी मौसम में अपनी पूरी क्षमता से कार्य करता है।