भूख को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी आहार सुझाव
भूख को समझदारी से नियंत्रित करें
हेल्थ कार्नर: कभी-कभी जब तेज भूख लगती है, तो हम कुछ भी खाने के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन ऐसा करना कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मोटापा, अपच और बदहजमी का कारण बन सकता है। इसलिए, जब भी भूख महसूस हो, ऐसा भोजन चुनें जो थोड़ी देर के लिए भूख को शांत करे और स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचाए।
भूख का अनुभव मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस में हार्मोन के स्राव से शुरू होता है। भूख का एक आवेग लगभग 30 सेकंड तक रहता है और यह 30 से 45 मिनट तक जारी रह सकता है। इसके बाद भूख की तीव्रता कम हो जाती है। भूख की तीव्रता और पाचन क्रिया का संबंध होता है; यदि पाचन सही है, तो रक्त का निर्माण भी सही मात्रा में होगा। इसलिए, पाचन क्षमता को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।

पानी का सेवन करें
पानी शरीर को अंदर से साफ करता है और अधिक खाने से रोकता है। कई बार लोग प्यास को भूख समझकर अधिक खा लेते हैं। अगली बार जब आपको भूख लगे, तो एक गिलास पानी पीकर देखें।
खाने के बीच का समय कम रखें
दो भोजन के बीच अधिक समय नहीं होना चाहिए। ज्यादा गैप से भूख बढ़ सकती है। इसके बजाय, हर चार घंटे में फल, अंकुरित अनाज, इडली, डोसा या सूखे मेवे जैसे स्वस्थ नाश्ते का सेवन करें।
धीरे-धीरे खाएं
यदि आप जल्दी-जल्दी खाते हैं, तो धीरे-धीरे और चबाकर खाएं। इससे भोजन बेहतर पचेगा और पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा देंगे। इसके अलावा, चाय का अधिक सेवन करने से बचें, क्योंकि यह भूख को कम कर सकती है लेकिन बाद में फिर से भूख लगने का कारण बनती है।
काइजेन डाइट का पालन करें
जापानी सिद्धांत काइजेन पर आधारित डाइट में भोजन का चयन समझदारी से करें। इसमें चीनी, प्रोसेस्ड फूड और तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। इसे विशेषज्ञ की सलाह पर ही अपनाना चाहिए।

प्रोटीन का सेवन करें
भोजन में प्रोटीन को शामिल करें। प्रोटीन पचाने में अधिक समय लेता है, जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है और जल्दी भूख नहीं लगती।
फाइबर का महत्व
फाइबर युक्त अनाज, सब्जियां और फल पाचन में अधिक समय लेते हैं। इसलिए, सलाद और मौसमी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें। भूख लगने पर जूस पीने के बजाय फल खाएं, क्योंकि जूस में फाइबर नहीं होता।
