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भोपाल में अवैध दवा निर्माण कारखाने का भंडाफोड़, 92 करोड़ रुपये की मेफेड्रोन जब्त

भोपाल में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने एक अवैध मेफेड्रोन निर्माण कारखाने का भंडाफोड़ किया है, जिसमें 92 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। इस ऑपरेशन में 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। जानें इस कार्रवाई के पीछे की कहानी और मेफेड्रोन के खतरे के बारे में।
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भोपाल में अवैध दवा निर्माण कारखाने का भंडाफोड़, 92 करोड़ रुपये की मेफेड्रोन जब्त

भोपाल में अवैध दवा निर्माण का भंडाफोड़

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अवैध दवा निर्माण कारखाने का पर्दाफाश किया है। डीआरआई ने गुप्त सूचना के आधार पर भोपाल में मेफेड्रोन के निर्माण की एक गुप्त इकाई का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई का नाम 'ऑपरेशन क्रिस्टल ब्रेक' रखा गया, जिसमें सूरत और मुंबई पुलिस ने भी सहयोग किया। इस ऑपरेशन के दौरान 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया और 92 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 16 अगस्त 2025 को भोपाल के हुज़ूर-तहसील, ग्राम-जगदीशपुर (इस्लामनगर) में छापेमारी के दौरान 61.20 किलोग्राम मेफेड्रोन बरामद किया गया, जिसकी बाजार में कीमत 92 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, 541.53 किलोग्राम कच्चा माल, जिसमें मेथिलीन डाइक्लोराइड, एसीटोन, मोनोमेथिलमाइन, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और 2-ब्रोमो शामिल हैं, तथा अन्य उपकरण भी जब्त किए गए। डीआरआई ने बताया कि इस एकांत स्थान पर चतुराई से छापा मारा गया, जहां मेफेड्रोन बनाने वाला एक रसायनज्ञ और अन्य दो लोग अवैध उत्पादन में शामिल पाए गए।


ड्रग कार्टेल के खिलाफ कार्रवाई

इस ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश के बस्ती से एक प्रमुख कार्टेल सदस्य को गिरफ्तार किया गया, जो भिवंडी (मुंबई) से भोपाल तक कच्चे माल की आपूर्ति की निगरानी कर रहा था। मुंबई में दो सप्लायर और रसायनों के परिवहन के लिए जिम्मेदार एक व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया। सूरत में हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर करने वाले एक अन्य सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह नेटवर्क एक विदेशी ऑपरेटर के निर्देश पर काम कर रहा था।


मेफेड्रोन का खतरा

मेफेड्रोन, एक मनोविकार नाशक पदार्थ है, जो स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत सूचीबद्ध है। इसके मनो-सक्रिय गुण कोकीन और एम्फ़ैटेमिन जैसे प्रभाव उत्पन्न करते हैं, जो समाज के लिए गंभीर खतरा बनते हैं। डीआरआई ने पिछले एक वर्ष में छठी बार ऐसी अवैध फैक्ट्री को ध्वस्त किया है।