भौतिक संसाधनों में लिप्त मानवता: आध्यात्मिकता की आवश्यकता

साधनों के अति प्रयोग का प्रभाव
(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। आजकल की सुविधाओं ने मानव जीवन को आरामदायक बना दिया है, लेकिन इनका अत्यधिक उपयोग हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को कमजोर कर रहा है। इस विषय पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में आयोजित एक कार्यक्रम में चंडीगढ़ से आई समाज सेवा प्रभाग की क्षेत्रीय प्रभारी, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुमन बहन ने अपने विचार साझा किए।
उन्होंने कहा कि आज का मानव भौतिक संसाधनों में इतना खो गया है कि वह खुद और ईश्वर को भूल चुका है। ब्रह्माकुमारी सुमन बहन ने यह भी बताया कि यदि हमें समाज को दिव्य और श्रेष्ठ बनाना है, तो आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाना आवश्यक है।
सेवाकेंद्र की प्रभारी, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि जब हमारी भावनाएं सकारात्मक होंगी, तभी भारत विश्व गुरु बन सकेगा। इसके लिए हमें अपने दैनिक जीवन में राजयोग ध्यान को शामिल करना होगा।
कार्यक्रम में उपस्थित जिला पार्षद प्रतिनिधि अशोक थालौर ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा दी गई शिक्षा से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा, जिससे भाईचारा मजबूत होगा।
सरपंच प्रतिनिधि महेश फौजी ने कहा कि यदि ग्रामीण जीवन में आध्यात्मिकता का समावेश हो जाए, तो गोकुल जैसे गांव बन सकते हैं। ब्रह्माकुमारी बहनों की सेवा और त्याग से गांवों का सर्वांगीण विकास संभव है। इस अवसर पर भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के बच्चों को भी सम्मानित किया गया।