भ्रामरी प्राणायाम: तनाव से राहत का सरल उपाय
भ्रामरी प्राणायाम: छात्रों के लिए एक सुपरहीरो
योग और प्राणायाम तनाव को कम करने के लिए प्रभावी उपाय हैं। यदि आप नींद की कमी या मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं, तो भ्रामरी प्राणायाम आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय इसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और छात्रों के लिए अत्यधिक लाभकारी मानता है।
भ्रामरी का अर्थ और लाभ
आयुष मंत्रालय के अनुसार, 'भ्रामरी' नाम 'भ्रमर' से लिया गया है, जिसका अर्थ है भौंरा। इस प्राणायाम की ध्वनि भौंरे की गुंजन के समान होती है, इसलिए इसे भ्रामरी कहा जाता है। यह प्राणायाम तनाव, चिंता, गुस्से और मानसिक ओवरएक्टिविटी को कम करने में मदद करता है।
भ्रामरी प्राणायाम का प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि भौंरे की ध्वनि का वाइब्रेशन मस्तिष्क और नसों पर गहरा प्रभाव डालता है। यह तनाव से संबंधित समस्याओं जैसे अनिद्रा, उच्च रक्तचाप और मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक है। नियमित अभ्यास से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है और यह ध्यान की तैयारी के लिए भी उत्तम है।
भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि
भ्रामरी प्राणायाम करना बहुत सरल है। एक शांत स्थान पर पद्मासन या सुखासन में बैठें। अपनी रीढ़ को सीधा रखें और आंखें बंद करें। अंगूठों से कानों को ढकें, इंडेक्स फिंगर को माथे पर और बाकी उंगलियों को आंखों पर रखें। नाक से गहरी सांस लें और सांस छोड़ते समय गले से 'हम्म्म' की ध्वनि निकालें। एक राउंड पूरा करने के बाद सामान्य सांस लें और 5-7 राउंड दोहराएं। इसे सुबह और शाम खाली पेट करना चाहिए।
भ्रामरी प्राणायाम के लाभ
भ्रामरी प्राणायाम के कई लाभ हैं। यह तनाव, चिंता और गुस्से से राहत दिलाता है, मस्तिष्क की नसों को शांत करता है, सिरदर्द और माइग्रेन में आराम देता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और अनिद्रा को दूर करता है। इसके अलावा, यह ध्यान और याददाश्त को तेज करता है और इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।
