मधुमेह रोगियों के लिए त्योहारों में सेहत बनाए रखने के उपाय

त्योहारों के दौरान मधुमेह प्रबंधन
हेल्थ कार्नर: मधुमेह से ग्रसित व्यक्तियों के लिए अनियमित उपवास और त्योहारों के बाद बार-बार खाने की आदतें हानिकारक हो सकती हैं। भारत में लगभग 7.2 करोड़ लोग मधुमेह से प्रभावित हैं, और यह संख्या 2025 तक 13.4 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है। ऐसे में, मधुमेह रोगियों को त्योहारों का आनंद लेते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
डायबिटीज एजुकेटर चेतना शर्मा के अनुसार, मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए नियमित अंतराल पर कुछ खाना आवश्यक है। त्योहारों के दौरान, वे निश्चित रूप से कुछ अधिक खा सकते हैं, खासकर उपवास के बाद। लेकिन अस्वास्थ्यकर और कैलोरी से भरपूर भोजन का सेवन शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
उन्होंने बताया कि हाइपोग्लाइसेमिया (ब्लड शुगर का गिरना) के अलावा, यह पोस्टप्रेन्डियल हाइपरग्लाइसेमिया, केटोएसिडोसिस और अन्य मेटाबोलिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त पानी न पीने से निर्जलीकरण, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और हाइपोटेंशन हो सकता है।
शर्मा ने सलाह दी कि उपवास के बाद ऐसा भोजन करना चाहिए जो पाचन पर भारी न पड़े। प्रोसेस्ड फूड और ट्रांस फैट से बचना आवश्यक है, क्योंकि ये शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। दिन में नारियल पानी, नींबू पानी और दूध जैसे पेय पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए।
जटिल कार्बोहाइड्रेट का चयन करें
उन्होंने कहा कि फाइबर से भरपूर और जटिल कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें, जो आपको लंबे समय तक तृप्त रखे। हाइपो या हाइपरग्लाइसेमिया से बचने के लिए नियमित रूप से अपने शुगर स्तर की जांच करते रहें। हर दो घंटे में थोड़ी मात्रा में कुछ खाते रहना महत्वपूर्ण है।
पोस्ट-असेसमेंट टेस्ट कराएं
चेतना शर्मा ने सुझाव दिया कि उपवास के बाद पोस्ट-असेसमेंट टेस्ट कराना चाहिए। दवाओं या इंसुलिन की खुराक को नियमित रूप से लेना आवश्यक है। उपवास के दौरान पानी पीते रहना और रक्त शर्करा की नियमित निगरानी करना भी महत्वपूर्ण है। उपवास के बाद नारियल पानी, ग्रीन टी, मक्खन और नींबू के रस जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें। एयरेटेड ड्रिंक्स से बचें।
मिठाई की जगह खाएं फ्रूट योगर्ट
उन्होंने कहा कि व्रत के स्नैक्स का अधिक सेवन न करें, क्योंकि इनमें नमक और चीनी की मात्रा अधिक होती है। इसके बजाय उबले या भुने खाद्य पदार्थों का सेवन करें। टेबल साल्ट के बजाय रॉक साल्ट का उपयोग करें, क्योंकि यह खनिज अवशोषण में मदद करता है। हल्का भोजन पाचन में सहायता कर सकता है। मिठाई के स्थान पर खजूर या फ्रूट योगर्ट का सेवन करें और चीनी के बजाय शहद का उपयोग करें। ताजे फल और सब्जियों का अधिक सेवन करें।