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मध्य प्रदेश सरकार का श्री कृष्ण माखनचोर विवाद पर नया दृष्टिकोण

मध्य प्रदेश सरकार ने भगवान श्री कृष्ण के माखनचोर नाम से जुड़ी पारंपरिक धारणाओं को सुधारने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि श्री कृष्ण ने कभी चोरी नहीं की, बल्कि कंस की अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ विद्रोह किया। इस संदेश को फैलाने के लिए सरकार एक जनचेतना अभियान शुरू कर रही है, जिसमें धार्मिक नेताओं को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही, प्रदेश के 3,200 से अधिक कृष्ण मंदिरों के संरक्षण और विकास का कार्य भी शुरू किया गया है।
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मध्य प्रदेश सरकार का श्री कृष्ण माखनचोर विवाद पर नया दृष्टिकोण

श्री कृष्ण माखनचोर विवाद

श्री कृष्ण माखनचोर विवाद: मध्य प्रदेश की सरकार ने भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी पारंपरिक धारणाओं को सुधारने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि श्री कृष्ण को 'माखनचोर' कहना वास्तविकता से भिन्न है। उनके अनुसार, कृष्ण ने कभी चोरी नहीं की, बल्कि कंस की अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ विद्रोह किया।


जनचेतना अभियान की शुरुआत

इस संदेश को समाज में फैलाने के लिए राज्य सरकार एक जनचेतना अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत कथावाचकों, धर्माचार्यों, संत-महात्माओं और प्रबुद्धजनों को तथ्यों के साथ जागरूक किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने श्री कृष्ण के जीवन के प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हजारों गायों वाले घर के बालक को माखन चुराने की आवश्यकता नहीं थी।


कृष्ण का आक्रोश

कृष्ण का आक्रोश

कृष्ण का आक्रोश इस बात पर था कि गोकुल का माखन कंस के महल में भेजा जाता था, और वही कंस ग्रामीणों पर अत्याचार करता था। इस विरोध को 'माखन चोरी' का रूप दे दिया गया। अब सरकार इस भ्रम को दूर करने के प्रयास में जुट गई है।


कृष्ण के विद्रोह का सही अर्थ

कृष्ण के विद्रोह का गलत अर्थ

सीएम यादव ने जन्माष्टमी पर मंच से कहा कि श्री कृष्ण का माखन से लगाव किसी चोरी का प्रतीक नहीं था, बल्कि कंस की नीतियों का विरोध था। उन्होंने ग्वाल-बाल की टोली बनाकर यह संदेश दिया कि दुश्मन को हमारा माखन नहीं जाना चाहिए। इसे बाद में परंपरागत रूप से गलत अर्थ दे दिया गया।


सरकार का जनचेतना अभियान

सरकार का जनचेतना अभियान

मोहन सरकार सामाजिक स्तर पर यह अभियान चलाएगी, जहां सीएम स्वयं विभिन्न मंचों से कृष्ण के जीवन की घटनाओं को तथ्यात्मक रूप से प्रस्तुत करेंगे। साथ ही संस्कृति विभाग धर्मगुरुओं और कथावाचकों को इस दिशा में मार्गदर्शन देगा ताकि समाज में गलत धारणा को समाप्त किया जा सके।


श्री कृष्ण स्थलों का विकास

श्री कृष्ण स्थलों का विकास

संस्कृति विभाग ने प्रदेश के 3,200 से अधिक कृष्ण मंदिरों को चिन्हित कर संरक्षण और साज-सज्जा का काम शुरू कर दिया है। उज्जैन का सांदीपनी आश्रम, रायसेन की जामगढ़ गुफाएं और अमका-झमका जैसे स्थानों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.