मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
मध्यप्रदेश सरकार के नए निर्णय
मध्यप्रदेश सरकार: मध्यप्रदेश सरकार ने 3 मई 2025 को पचमढ़ी के राजभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें राजस्व विभाग में 1200 नए आईटी विशेषज्ञों की नियुक्ति, कार्यालयों का पुनर्गठन, और श्रम कानूनों में संशोधन शामिल हैं। मोहन कैबिनेट ने 500 पुराने पदों को समाप्त कर 1200 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी है।
इन नए पदों पर आईटी विशेषज्ञों की भर्ती की जाएगी, जो किसानों को घर बैठे नामांतरण, सीमांकन और अन्य सेवाएं प्रदान करेंगे। इस पहल से प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी होंगी और किसानों को त्वरित सेवाएं मिलेंगी। कैबिनेट ने कहा, 'इससे किसानों को घर बैठे नामांतरण और सीमांकन जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।'
राजस्व कार्यालयों का पुनर्गठन
कैबिनेट ने प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालयों के पुनर्गठन को स्वीकृति दी है। अब इन दोनों कार्यालयों को एकीकृत कर 'कार्यालय आयुक्त भू-संसाधन प्रबंधन' के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिसमें एक मुख्यालय और एक सहायक मुख्यालय होगा। इसके अतिरिक्त, अधीक्षक भू-अभिलेख और सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के पदों को क्रमशः तहसीलदार और नायब तहसीलदार में समायोजित किया गया है। यह कदम प्रशासनिक कार्यों को और अधिक सुचारू बनाने में मदद करेगा।
तहसीलदार और नायब तहसीलदार की नई जिम्मेदारियां
पुनर्गठन के बाद अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार को न्यायालयीन और गैर-न्यायालयीन कार्यों जैसे प्रोटोकॉल, कानून व्यवस्था और सर्वेक्षण के लिए नियुक्त किया जाएगा। कैबिनेट के अनुसार, 'न्यायालयीन कार्य के लिए पृथक तहसीलदार होने से प्रतिदिन राजस्व न्यायालय में कार्यवाही संभव होगी, जिससे राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति आएगी।' इससे राजस्व संबंधी मामलों का समाधान तेजी से होगा।
श्रम कानूनों में संशोधन
कैबिनेट ने छोटे और मध्यम उद्योगों पर अनुपालन का बोझ कम करने के लिए तीन श्रम कानूनों में संशोधन को मंजूरी दी है:
- ठेका श्रम अधिनियम, 1970: ठेका श्रमिकों की नियोजन सीमा को 20 से बढ़ाकर 50 किया गया।
- कारखाना अधिनियम, 1948: शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया वाले परिसरों में श्रमिक सीमा 10 से 20 और बिना शक्ति के परिसरों में 20 से 40 तक बढ़ाई गई।
- औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947: हड़ताल और तालाबंदी से पहले सूचना-पत्र का प्रावधान अब सभी औद्योगिक स्थापनाओं पर लागू होगा।
