मराठा आरक्षण आंदोलन में बड़ी जीत: सरकार ने दी कुनबी जाति प्रमाण पत्र की मंजूरी

मराठा आरक्षण की नई दिशा
Maratha Reservation : महाराष्ट्र की सरकार की कैबिनेट उप-समिति ने मराठा आरक्षण आंदोलन की मुख्य मांगों को मान्यता देते हुए पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया है। इस घोषणा के बाद आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त करते हुए इसे एक बड़ी जीत बताया, जिससे उनके समर्थकों में खुशी का माहौल बन गया। कैबिनेट उप-समिति की बैठक के बाद, जरांगे ने प्रदर्शनकारियों को सूचित किया कि अब आंदोलन समाप्त होगा और जल्द ही सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया जाएगा।
मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है, जिससे मराठा आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। जीआर प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी, और इसके साथ ही आंदोलन समाप्त होगा। मनोज जरांगे ने उच्च न्यायालय को भी आश्वासन दिया कि उनके अधिकांश समर्थक मुंबई छोड़ चुके हैं और बाकी भी जल्द लौटेंगे। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि मुंबई में लगाए गए जुर्माने को वापस लिया जाए।
जरांगे ने यह भी बताया कि आंदोलन से प्रभावित परिवारों को 15 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य परिवहन बोर्ड में नौकरियों का प्रावधान किया जाएगा, और उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सितंबर तक आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का आश्वासन दिया है। इस बीच, कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, शिवेंद्र राजे भोंसले, जय कुमार गोरे और माणिकराव कोकाटे ने आंदोलन स्थल पर जाकर जरांगे को समिति की चर्चा के बारे में जानकारी दी।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद, मनोज जरांगे ने समर्थकों से कहा कि जैसे ही सरकारी आदेश जारी होगा, वे आंदोलन समाप्त कर जश्न मनाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जश्न मनाने का अर्थ हंगामा करना नहीं है, बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से विजय का उत्सव मनाना है। महाराष्ट्र सरकार की यह पहल मराठा समाज की लंबे समय से चली आ रही आरक्षण की मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जो कई वर्षों से जारी आंदोलन को समाप्त करने में सहायक होगी।