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मस्जिद में बैठक पर मौलाना तौकीर रजा की कड़ी प्रतिक्रिया

बरेली में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा मस्जिद में बैठक करने के आरोपों ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। मौलाना तौकीर रजा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है, यह कहते हुए कि मस्जिद केवल इबादत का स्थान है। भाजपा ने इस मुद्दे पर सपा पर हमले किए हैं और सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ भी विरोध हो रहा है। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
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मस्जिद में बैठक पर मौलाना तौकीर रजा की कड़ी प्रतिक्रिया

संसद में सियासी विवाद

बरेली: संसद के मानसून सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव द्वारा संसद भवन के निकट स्थित मस्जिद में बैठक करने के आरोपों ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना तौकीर रजा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है, stating that any political activity within a mosque is unacceptable. उन्होंने कहा कि मस्जिद केवल इबादत का स्थान है, न कि बैठकें आयोजित करने का।


भाजपा का हमला और सपा सांसद की भूमिका

भाजपा ने इस मुद्दे पर सपा पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी दी है। सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी, जो उस मस्जिद के इमाम भी हैं, को भी इस मामले में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इस घटना की निंदा की है।


मौलाना तौकीर रजा की प्रतिक्रिया

गुरुवार को एक मीडिया चैनल से बातचीत में मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में सुना है और कुछ तस्वीरें भी देखी हैं, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि मस्जिद के अंदर कोई बैठक हुई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा हुआ है, तो इसकी निंदा की जानी चाहिए।


मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व

उन्होंने यह भी बताया कि आजादी की लड़ाई के दौरान मस्जिदों का उपयोग अंग्रेजों के खिलाफ मीटिंग के लिए किया गया था, लेकिन आज के राजनीतिक संदर्भ में इसका उपयोग अस्वीकार्य है।


धर्मनिरपेक्षता और पहचान

मौलाना ने सांसदों को मस्जिद के नियमों का पालन करने की सलाह दी और धर्मनिरपेक्षता तथा इंसानियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपनी पहचान पर गर्व होना चाहिए और इसे छिपाने की आवश्यकता नहीं है।