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महत्वपूर्ण दवाओं की कीमतों में कमी: NPPA की नई पहल

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने 35 आवश्यक दवाओं की कीमतों में कमी की है, जिससे पुरानी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलेगी। इस पहल के तहत एसीक्लोफेनाक, पैरासिटामोल, और अन्य दवाओं की कीमतें घटाई गई हैं। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, जिससे दवा की दुकानों पर कीमतों की सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। जानें नई कीमतें और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में।
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महत्वपूर्ण दवाओं की कीमतों में कमी: NPPA की नई पहल

महत्वपूर्ण दवाओं की कीमतों में कमी

महत्वपूर्ण दवाओं की कीमतें घटाई गई हैं: स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ बनाने के लिए, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने 35 आवश्यक दवाओं के दामों में कमी की है। ये दवाएं विभिन्न दवा कंपनियों द्वारा बेची जाती हैं और अब इनकी खुदरा कीमतें कम कर दी गई हैं। इससे पुरानी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को विशेष लाभ होगा, क्योंकि इनमें हृदय रोग और सूजन कम करने वाली दवाएं भी शामिल हैं। आइए, इस विषय पर और जानकारी प्राप्त करते हैं।


कौन सी दवाएं हुईं सस्ती?

NPPA द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार, जिन दवाओं की कीमतें कम की गई हैं, उनमें एसीक्लोफेनाक, पैरासिटामोल, एमोक्सिसिलिन, पोटेशियम क्लैवुलनेट, एटोरवास्टेटिन और अन्य शामिल हैं। इनमें डायबिटीज की दवाएं भी शामिल हैं।


रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का निर्देश

यह जानकारी रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा साझा की गई है, जो NPPA के अंतर्गत कार्य करता है। यह मंत्रालय देश में दवाओं की कीमतों का निर्धारण और निगरानी करता है।


दवाओं की नई कीमतें

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एसीक्लोफेनाक, पैरासिटामोल और ट्रिप्सिन काइमोट्रिप्सिन की गोलियां अब 13 रुपये में उपलब्ध होंगी। कैडिला फार्मास्यूटिकल्स ने इन दवाओं की कीमत 15 रुपये बताई है। एटोरवास्टेटिन 40mg और क्लोपिडोग्रेल की कीमत 26 रुपये निर्धारित की गई है। बच्चों के लिए पैरासिटामोल की कीमतें भी कम की गई हैं, और विटामिन-डी की दवाएं 31 रुपये में मिलेंगी।


नोटिस में क्या कहा गया?

जारी किए गए नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि दवा की दुकानों पर, चाहे वह रिटेलर हो या अन्य, उन्हें अपनी दुकान पर दवाओं की कीमतों की सूची प्रदर्शित करनी होगी। इससे ग्राहक आसानी से कीमतें देख सकेंगे। यदि दुकान नियमों का पालन नहीं करती है, तो उन्हें DPCO 2013 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत दंडित किया जाएगा। दवाओं की कीमतों में कमी के बाद उन पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर कुछ दवाओं पर जीएसटी लगाया जा सकता है।