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महाराजगंज में स्क्रिप्टेड वीडियो से शिक्षा विभाग पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक वायरल वीडियो ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस वीडियो में बच्चियों को स्कूल खुला रखने की गुहार लगाते हुए दिखाया गया था, लेकिन जांच में पता चला कि यह पूरी तरह से स्क्रिप्टेड था। प्रशासन ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है और मामले की पूरी जांच का आश्वासन दिया है। जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया।
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महाराजगंज में स्क्रिप्टेड वीडियो से शिक्षा विभाग पर उठे सवाल

महाराजगंज में वायरल वीडियो का सच

महाराजगंज समाचार: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में हाल ही में एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा बटोरी। इस वीडियो में प्राथमिक विद्यालय रुद्रपुर भलुही की कुछ बच्चियां स्कूल खुला रखने की गुहार लगाते हुए रो रही थीं। वीडियो में स्कूल की प्रिंसिपल भी दिखाई दे रही थीं। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। लेकिन अब इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि यह वीडियो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड था।


प्रिंसिपल की गलत हरकत पर कार्रवाई

जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच शुरू की। जांच में यह सामने आया कि प्रिंसिपल ने बच्चों और उनके अभिभावकों को गुमराह कर इस वीडियो को बनवाया था। इस गलत कार्य के लिए प्रशासन ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भी नोटिस जारी किया गया है। प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए कार्रवाई की है।


सहानुभूति जगाने के लिए बनाया गया वीडियो

रुद्रपुर भलुही गांव के इस प्राथमिक विद्यालय का वीडियो लोगों में सहानुभूति जगाने के उद्देश्य से बनाया गया था। बच्चियों को स्कूल बंद होने की बात कहकर रोने के लिए उकसाया गया, जो पूरी तरह से अनुचित था। इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि स्कूल बंद करने का कोई आदेश नहीं था और यह सब एक गलत अफवाह थी, जिसे वीडियो के माध्यम से फैलाया गया।


पूरी जांच की जाएगी

इस घटना के बाद स्थानीय लोग और अभिभावक भी हैरान हैं। उन्होंने मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ऐसी गैर-जिम्मेदाराना हरकतें क्यों हो रही हैं।