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महेंद्रगढ़ में नीट परीक्षा में कम अंक आने पर छात्रा ने की आत्महत्या

महेंद्रगढ़ में एक रिटायर्ड फौजी की बेटी ने नीट परीक्षा में कम अंक आने के कारण आत्महत्या कर ली। परिवार का कहना है कि छात्रा मानसिक तनाव में थी क्योंकि उसे किसी भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला। इस घटना ने समाज में शिक्षा के दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जानें इस दुखद घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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महेंद्रगढ़ में नीट परीक्षा में कम अंक आने पर छात्रा ने की आत्महत्या

डिप्रेशन के कारण उठाया आत्मघाती कदम


हरियाणा के महेंद्रगढ़ में एक रिटायर्ड सैनिक की बेटी ने नीट परीक्षा में कम अंक आने के कारण आत्महत्या कर ली। छात्रा ने नशीला पदार्थ निगलकर अपनी जान दी। परिवार का कहना है कि उसे किसी भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में थी। पुलिस ने परिवार के बयान दर्ज करने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया।


अंशु की पहचान और शिक्षा

छात्रा की पहचान कुंजपुरा गांव की अंशु के रूप में हुई है। उसके पिता सेना से रिटायर हैं और उसका एक भाई भी हाल ही में सेना में शामिल हुआ है। अंशु ने नारनौल के एक प्राइवेट स्कूल से 12वीं कक्षा पास की थी और वर्तमान में राजस्थान के बहरोड़ में बीएससी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही थी।


जहरीला पदार्थ निगलने की घटना

परिवार के अनुसार, शनिवार को अंशु ने घर पर ही जहरीला पदार्थ निगल लिया। जब परिवार को उसकी हालत बिगड़ने का पता चला, तो उन्होंने उसे नजदीकी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे नारनौल के सरकारी अस्पताल के लिए रेफर किया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।


नीट परीक्षा में अंक और मानसिक तनाव

परिवार के अनुसार, अंशु ने इस वर्ष नीट परीक्षा दी थी और उसे 470 अंक प्राप्त हुए थे। कम अंक आने के कारण वह डिप्रेशन में चली गई और किसी भी मेडिकल कॉलेज में उसका प्रवेश नहीं हुआ। इसके बाद उसने बीएससी में दाखिला लिया।


सीईटी परीक्षा में भी कम अंक

कुंजपुरा गांव के सरपंच दलीप ने बताया कि अंशु ने हाल ही में हुए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में भी भाग लिया था, जिसमें उसे केवल 46 अंक मिले। इस परिणाम ने उसके मानसिक तनाव को और बढ़ा दिया, जिससे वह आत्महत्या के कदम तक पहुंच गई।