मानसून में खाने के लिए सुरक्षित सब्जियाँ: जानें क्या न खाएं

मानसून में सब्जियों का सेवन: सावधानियाँ
मानसून के मौसम की चुनौतियाँ: बारिश का मौसम न केवल ताजगी और हरियाली लाता है, बल्कि यह कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इस दौरान हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया और फंगस तेजी से फैलते हैं। इसलिए, इस मौसम में खानपान के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के दौरान कुछ सब्जियों का सेवन करने से पेट की समस्याएं, फूड पॉइजनिंग, डायरिया और त्वचा संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। आइए जानते हैं कि कौन-सी सब्जियाँ मानसून में नहीं खानी चाहिए और इसके पीछे का कारण क्या है।
1. फूलगोभी और पत्ता गोभी - फंगस और कीड़ों का खतरा
मानसून में फूलगोभी और पत्ता गोभी में कीड़े और फफूंदी लगने की संभावना अधिक होती है। इन्हें अच्छी तरह से धोना भी कठिन होता है, जिससे बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
2. पालक और मेथी - जल्दी सड़ने वाली सब्जियाँ
हरे पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक और मेथी इस मौसम में जल्दी सड़ जाती हैं। इनमें नमी के कारण बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो पेट की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
3. कच्चा सलाद - संक्रमण का खतरा
खीरा, टमाटर, और मूली जैसे कच्चे सलाद मानसून में खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इन्हें कच्चा खाने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इनकी सफाई और स्टोरेज पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
4. भिंडी और तोरई - चिपचिपाहट से बढ़ता है बैक्टीरिया
भिंडी और तोरई जैसी सब्जियों में नमी और चिपचिपाहट होती है, जो मानसून में बैक्टीरिया को आकर्षित करती है। इन्हें ताजे और पूरी तरह पकाकर ही खाना चाहिए।
5. अंकुरित अनाज - फंगल ग्रोथ का खतरा
अंकुरित अनाज जैसे मूंग और चना मानसून में जल्दी खराब होते हैं और इन पर फंगस लगने की संभावना बढ़ जाती है। इन्हें खाने से पहले उबालकर सेवन करना बेहतर होता है।
मानसून में स्वाद के लिए सेहत से समझौता न करें। ताजगी, सफाई और पूरी तरह से पकी हुई सब्जियों को प्राथमिकता दें, ताकि आप इस खूबसूरत मौसम का आनंद बिना किसी बीमारी के ले सकें।