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मानसून में जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए योगासन

मानसून के दौरान जोड़ों और हड्डियों में दर्द की समस्या आम हो गई है। इस मौसम में तापमान में गिरावट और सूरज की रोशनी की कमी से यह समस्या बढ़ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, योग करना इस दर्द से राहत पाने का एक प्रभावी तरीका है। इस लेख में, हम कुछ सरल योगासन जैसे वज्रासन, सेतु बंधासन और ताड़ासन के बारे में जानेंगे, जो आपको इस मौसम में राहत प्रदान कर सकते हैं। जानें कैसे ये आसन आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
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मानसून में जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए योगासन

मानसून स्वास्थ्य टिप्स

आजकल, युवा वर्ग में भी जोड़ों और हड्डियों में दर्द की समस्या बढ़ती जा रही है। यह समस्या विशेष रूप से बरसात के मौसम में अधिक देखने को मिलती है। मानसून के दौरान तापमान में गिरावट आती है, जिससे वातावरण ठंडा हो जाता है। इसके अलावा, इस मौसम में सूरज की रोशनी भी कम होती है, जिससे शरीर को आवश्यक विटामिन-डी नहीं मिल पाता। यदि आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए कुछ सरल उपायों को अपनाएं।


विशेषज्ञों की राय

क्षेमवना प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग केंद्र के डॉ. नरेंद्र के. शेट्टी का कहना है कि बरसात के मौसम में योग करना अत्यंत आवश्यक है। योग से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है और यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। यहां कुछ सरल योगासन दिए जा रहे हैं, जिन्हें आप अपने घर पर भी कर सकते हैं।


वज्रासन

वज्रासन करने के लिए सबसे पहले एक चटाई लें। फिर घुटनों के बल बैठें और दोनों घुटनों को मिलाकर रखें, पंजों में थोड़ी दूरी बनाएं। अब सीधे बैठें, हाथों को जांघों पर रखें, आंखें बंद करें और 5 से 10 मिनट तक गहरी सांस लें। इस आसन को नियमित रूप से करने से जोड़ों के दर्द में काफी राहत मिल सकती है और यह पैरों को भी मजबूत बनाता है।


सेतु बंधासन (ब्रिज पोज)

इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेटें और पैरों को घुटने से मोड़ें। पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं। गहरी सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं, पैर और हाथ फर्श पर रखें। 15 से 20 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे कूल्हों को नीचे लाएं। यह आसन पैरों, घुटनों और कूल्हों को मजबूत बनाता है और कमर में अकड़न को दूर करता है।


ताड़ासन

दोनों पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं। सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर उठाएं और पंजों के बल खड़े हो जाएं। 10 से 15 मिनट तक इसी स्थिति में रहें और फिर सामान्य स्थिति में लौटें। यह आसन शरीर के सही पोस्चर को बनाए रखने में मदद करता है, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखता है और शरीर का संतुलन बनाए रखता है।


विशेषज्ञों से सलाह

उपरोक्त जानकारी को अपनाने से पहले विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।