मानसून में त्वचा की सुरक्षा: फंगल इंफेक्शन से बचने के उपाय

मानसून की चुनौतियाँ और त्वचा की समस्याएँ
मानसून का मौसम न केवल ठंडक और सुकून लाता है, बल्कि यह त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं का कारण भी बनता है। लगातार बारिश, बढ़ती नमी और गंदगी के संपर्क में आने से स्किन एलर्जी, खुजली और फंगल संक्रमण के मामले बढ़ जाते हैं।
फंगल इंफेक्शन के बढ़ने के कारण
मानसून में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे शरीर में पसीना आता है, लेकिन यह जल्दी सूख नहीं पाता। अंडरआर्म्स, जांघों के बीच और पैर की उंगलियों के बीच नमी लंबे समय तक बनी रहती है, जो फंगस के विकास के लिए अनुकूल होती है। इससे रिंगवर्म, एथलीट्स फुट और कैंडिडा जैसे संक्रमण तेजी से फैलते हैं।
स्किन एलर्जी के कारण
मैक्स हॉस्पिटल की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सौम्या सचदेवा के अनुसार, मानसून में गंदगी, कीटाणु और दूषित पानी के संपर्क में आने से स्किन एलर्जी बढ़ जाती है। बारिश में भीगना, गीले कपड़े पहनना या गंदे पानी से गुजरना एलर्जी के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
स्किन इंफेक्शन से बचने के उपाय
त्वचा को साफ और सूखा रखें: नहाने के बाद शरीर के सभी हिस्सों को अच्छी तरह सुखाएं, विशेषकर उंगलियों के बीच और जांघों के पास।
गीले कपड़े तुरंत बदलें: बारिश या पसीने से भीगने के बाद सूखे कपड़े पहनें।
ढीले और कॉटन कपड़े पहनें: टाइट कपड़े नमी को फंसाते हैं, जिससे स्किन इरिटेशन होता है।
एंटी-फंगल पाउडर या क्रीम का उपयोग करें: पसीना अधिक आने पर इनका प्रयोग करें।
गंदे पानी में चलने से बचें: अगर मजबूरी हो तो घर आकर तुरंत नहाएं और साफ कपड़े पहनें।
पर्सनल चीजें साझा न करें: तौलिया, कपड़े या रज़ाई जैसी चीजें किसी और के साथ न बांटें।
लक्षणों की अनदेखी न करें
यदि आपको स्किन पर खुजली, लाल दाने, बदबूदार पसीना, चकत्ते या जलन महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। घरेलू उपाय से आराम न मिलने पर त्वचा विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लें।
मानसून में त्वचा की देखभाल
मानसून में थोड़ी सी सावधानी बरतकर त्वचा को स्वस्थ और संक्रमणमुक्त रखा जा सकता है। साफ-सुथरा रहना, शरीर को सूखा रखना और सही कपड़ों का चुनाव फंगल इंफेक्शन और एलर्जी से बचाने में मददगार हो सकता है।