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मानसून में बच्चों की सेहत: जानें कैसे रखें सुरक्षित

मानसून का मौसम बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस दौरान फ्लू, सर्दी, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों की कमजोर इम्यूनिटी के कारण ये समस्याएं अधिक गंभीर हो सकती हैं। जानें कैसे सही उपचार और सावधानियों के जरिए आप अपने बच्चों को इन बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं।
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मानसून में बच्चों की सेहत: जानें कैसे रखें सुरक्षित

मानसून स्वास्थ्य सुझाव

मानसून के आगमन के साथ ही बीमारियों और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, विशेषकर बच्चों के लिए। बारिश का मौसम सर्दी और फ्लू का कारण बनता है, क्योंकि इस दौरान हवा में नमी बढ़ जाती है। तापमान में बदलाव के चलते कमजोर इम्यून सिस्टम वाले बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। मुंबई के सैफी हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक इनफेक्शियस डिजीज विशेषज्ञ, डॉ. जहाबिया एम. बगवाला के अनुसार, 1 से 10 वर्ष के बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ओपीडी में आने वाले 60 से 70 प्रतिशत बच्चों में बुखार, सर्दी, खांसी, बदन दर्द और गले में खराश जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।


बीमारियों का खतरा

डॉ. बगवाला ने बताया कि 1 से 5 साल के छोटे बच्चे कमजोर इम्यूनिटी के कारण अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसके अलावा, 9 से 18 साल के बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस और टाइफाइड के मामलों में भी वृद्धि हो रही है, जो मुख्य रूप से बारिश में बाहर के अनहेल्दी फूड खाने से हो रहा है। ऐसे बच्चों में उल्टी और पतले दस्त की समस्या आम है।


इलाज के तरीके

डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल डेंगू और मलेरिया के मामले कम हैं, लेकिन मानसून के आगे बढ़ने के साथ इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अधिकांश फ्लू वायरस के कारण होते हैं, जिनमें एंटीबायोटिक की आवश्यकता नहीं होती। बुखार के लिए पेरासिटामोल और सर्दी के लिए एंटीहिस्टामिन जैसी दवाएं पर्याप्त होती हैं। इसके साथ ही, हल्दी वाला दूध, दालचीनी का पानी और गर्म पका हुआ खाना इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।


विशेषज्ञ की सलाह

डॉ. बगवाला ने यह भी बताया कि साफ हवा, बार-बार हाथ धोना और बच्चों को हाइड्रेटेड रखना संक्रमण से बचाव और जल्दी स्वस्थ होने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई माता-पिता अपने बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स देना शुरू कर देते हैं, जो वायरल संक्रमण में नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, माता-पिता को किसी भी दवा का सेवन करने से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। मजबूत इम्यूनिटी और समय पर चिकित्सकीय परामर्श ही मानसून से जुड़ी बीमारियों से सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीका है।