मानसून में स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक टिप्स
बिना डॉक्टर की सलाह दवा न लें
मानसून के दौरान बैक्टीरिया, फंगस और अन्य रोगजनक तेजी से फैलते हैं, जिससे मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू, टाइफॉइड, हेपेटाइटिस, वायरल निमोनिया, उल्टी, दस्त, बुखार, कोलेरा और पेट से जुड़ी बीमारियाँ हो सकती हैं। इस मौसम में गंदे पानी और स्ट्रीट फूड से भी बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं। ऐसे में, किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है, ताकि बीमारियों से बचा जा सके। बारिश के मौसम में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का स्वयं इलाज करने से बचें और बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा न लें।
संक्रमण से बचने के उपाय
मानसून में बीमारियों से बचने के लिए अपनी दिनचर्या में बदलाव करना आवश्यक है। एक-दूसरे से हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर नमस्ते करें। खाने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धोना न भूलें। यदि कोई व्यक्ति बीमार है, तो उससे दूरी बनाकर रखें और उसकी इस्तेमाल की गई चीजों का उपयोग न करें।
स्वच्छता का ध्यान रखें
मानसून में वायरस और बैक्टीरिया से बचने के लिए सावधानी बरतना सबसे अच्छा उपाय है। हल्का बुखार या शरीर में दर्द होने पर पैरासिटामॉल का उपयोग किया जा सकता है। स्वच्छता बनाए रखने और साफ-सुथरा खाना खाने से बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें
यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है, तो बीमारियाँ नहीं होंगी। इसके लिए गिलोय का रस 20-25 एमएल सुबह और शाम नियमित रूप से लेना फायदेमंद है। तुलसी की गोली या पत्ते का सेवन भी लाभकारी रहेगा। हमेशा गरम और सुपाच्य खाना खाएं और कोशिश करें कि पानी उबला हुआ ही पिएं। उबला पानी आरओ वाटर से भी शुद्ध होता है।
त्वचा संक्रमण का खतरा
मानसून में त्वचा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यदि रिंगवर्म के गोल चकत्ते दिखाई दें, तो सिपिया दवा से लाभ मिल सकता है। टाइफाइड के लिए आरसेनिक और बैप्टीशिया दवा रामबाण साबित होती है। इसके अलावा, मानसून में निमोनिया की समस्या होने पर रसटॉक्स दवा से रोगी को राहत मिलती है।
