मिनरल्स की कमी: जानें इसके लक्षण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

मिनरल्स की कमी के लक्षण
मिनरल्स की कमी के संकेत: क्या आप जानते हैं कि जिंक, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की थोड़ी कमी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है? अक्सर लोग कमजोरी और थकान को विटामिन या प्रोटीन की कमी से जोड़ते हैं, लेकिन इन तत्वों के सही कार्य के लिए मिनरल्स की आवश्यकता होती है। इनकी कमी से एनीमिया, थायरॉइड और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
मिनरल्स का महत्व
मिनरल्स, जो धातु के तत्व होते हैं, शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं। ये शरीर के लिए आवश्यक एंजाइम्स को सक्रिय करने में मदद करते हैं। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने में भी इनकी भूमिका होती है। इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए विटामिन-सी, डी और ई के साथ-साथ मिनरल्स भी आवश्यक हैं। विभिन्न मिनरल्स नर्वस सिस्टम के कार्य में भी योगदान देते हैं। डॉक्टर हनी चौधरी ने 5 महत्वपूर्ण मिनरल्स की कमी के संकेतों के बारे में जानकारी दी है।
मिनरल्स की कमी के लक्षण
जिंक: इसकी कमी से त्वचा पर रैशेज, बालों का झड़ना और एक्ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जिंक इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण है।
मैग्नीशियम: इसकी कमी से मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट, तनाव और मांसपेशियों में कमजोरी जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। यह मिनरल मस्तिष्क और हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
आयरन: शरीर में रक्त की सही मात्रा बनाए रखने के लिए आयरन सबसे आवश्यक मिनरल है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी और बालों का झड़ना हो सकता है, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ता है।
पोटेशियम: इसकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी, थकान, चक्कर आना और अनियमित दिल की धड़कनें हो सकती हैं। यह मिनरल नर्वस सिस्टम के कार्य को बेहतर बनाता है।
आयोडिन: थायरॉइड ग्रंथियों का बढ़ना, हाथ-पैरों का ठंडा रहना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई आयोडिन की कमी के लक्षण हैं। यह मिनरल हाइपोथायरायडिज्म की रोकथाम में मदद करता है। गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी से बच्चे का विकास प्रभावित हो सकता है।