मिर्गी: जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार

मिर्गी के बारे में जानकारी
मिर्गी: 'कांटा लगा' गाने और 'बिग बॉस 13' में अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का शुक्रवार रात 42 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके अचानक चले जाने से मनोरंजन जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। एक बार शेफाली ने बताया था कि वह 15 वर्षों से मिर्गी की बीमारी से जूझ रही थीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह बीमारी किन लोगों को अधिक प्रभावित करती है?
मिर्गी, जिसे एपिलेप्सी भी कहा जाता है, एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जो मस्तिष्क में असामान्य गतिविधियों के कारण होता है। इस स्थिति में मरीज को बार-बार दौरे (सीज़र) पड़ते हैं, जो कभी-कभी अचानक होते हैं और आसपास के लोगों को घबरा सकते हैं।
किस उम्र में होती है मिर्गी?
मिर्गी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन कुछ विशेष समूह के लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं। सही जानकारी और समय पर उपचार से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि मिर्गी किन लोगों को अधिक होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इसका उपचार कैसे किया जाता है।
किन लोगों को ज्यादा होती है मिर्गी?
बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित: मिर्गी का खतरा छोटे बच्चों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक देखा गया है। बच्चों में जन्म के समय मस्तिष्क में चोट या बुखार के कारण, और बुजुर्गों में स्ट्रोक या मस्तिष्क ट्यूमर के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है।
परिवार में अगर पहले किसी को मिर्गी रही हो: जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को मिर्गी रही है, उनमें यह बीमारी आनुवांशिक रूप से आ सकती है।
सिर की चोट या मस्तिष्क क्षति: दुर्घटनाओं या सिर में गहरी चोट लगने से मस्तिष्क में गड़बड़ी हो सकती है, जिससे मिर्गी का खतरा बढ़ जाता है।
मिर्गी के लक्षण
- बार-बार बेहोशी या झटके आना
- आंखें पलटना या मुंह से झाग आना
- शरीर का एक हिस्सा अचानक कांपना
- भ्रम की स्थिति या बातों का दोहराव
मिर्गी का इलाज
मिर्गी का उपचार संभव है। इसके लिए दवाइयां दी जाती हैं जो दौरे पड़ने की घटनाओं को कम कर सकती हैं। कुछ मामलों में सर्जरी या विशेष थैरेपी की आवश्यकता भी हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात है- समय पर सही उपचार और परिवार का सहयोग।