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मुरादाबाद में पंचायत निधि में करोड़ों का गबन, 99 से अधिक ग्राम प्रधान और सचिव शामिल

मुरादाबाद में पंचायत राज विभाग की निधि में करोड़ों रुपये का गबन सामने आया है, जिसमें 99 से अधिक ग्राम प्रधान और सचिव शामिल हैं। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी के ऑडिट में 134 गांवों के विकास कार्यों में फर्जी बिलों का खुलासा हुआ है। 2016-17 से 2019-20 के बीच लगभग 9.91 करोड़ रुपये के गबन की पुष्टि हुई है। अधिकारी ने बताया कि संबंधित ग्राम प्रधानों और सचिवों को नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में आगे की वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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मुरादाबाद में पंचायत निधि में करोड़ों का गबन, 99 से अधिक ग्राम प्रधान और सचिव शामिल

गबन का मामला उजागर

मुरादाबाद:- पंचायत राज विभाग की करोड़ों रुपये की निधि में बड़े पैमाने पर गबन का मामला सामने आया है। जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में विकास योजनाओं और सार्वजनिक कार्यों के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी द्वारा किए गए ऑडिट में 134 गांवों के विकास कार्यों में फर्जी बिल और वाउचर का खुलासा हुआ है, जिससे 9 करोड़ 91 लाख 18467 रुपये के गबन की पुष्टि हुई है। 2016-17 से 2019-20 के बीच 99 से अधिक ग्राम प्रधान और सचिवों की संलिप्तता पाई गई है। 9 साल बीत जाने के बाद भी गबन की वसूली नहीं की गई है, और सभी कार्य केवल कागजों पर ही दिखाए जा रहे हैं।


वर्षवार गबन का विवरण

1:- वित्तीय वर्ष 2016-17 में छजलैट ब्लॉक के 4 ग्राम पंचायतों में 2,63,375 रुपये, मुरादाबाद ब्लॉक के 6 ग्राम पंचायतों में 1,00,19,870 रुपये, बिलारी ब्लॉक के 3 ग्राम पंचायतों में 92,900 रुपये, मूंढापांडे ब्लॉक के 3 ग्राम पंचायतों में 4,04,826 रुपये, भगतपुर टांडा ब्लॉक के 2 ग्राम पंचायतों में 1,11,702 रुपये और ठाकुरद्वारा ब्लॉक के 4 ग्राम पंचायतों में 64,127 रुपये सहित कुल 1,09,56,800 रुपये गलत तरीके से निकाले गए।


2:- वित्तीय वर्ष 2017-18 में छजलैट ब्लॉक के 2 ग्राम पंचायतों में 3,04,076 रुपये, मुरादाबाद ब्लॉक के 6 ग्राम पंचायतों में 44,09,103 रुपये, डिलारी ब्लॉक के 6 ग्राम पंचायतों में 16,60,833 रुपये, बिलारी ब्लॉक के 5 ग्राम पंचायतों में 49,25,638 रुपये, कुंदरकी ब्लॉक के 5 ग्राम पंचायतों में 7,15,4352 रुपये, मूंढापांडे ब्लॉक के 3 ग्राम पंचायतों में 2,55,501 रुपये, भगतपुर टांडा ब्लॉक के 5 ग्राम पंचायतों में 18,64,053 रुपये और ठाकुरद्वारा ब्लॉक के 6 ग्राम पंचायतों में 20,91,326 रुपये सहित कुल 2,26,64,882 रुपये का गबन किया गया।


3:- वित्तीय वर्ष 2018-19 में छजलैट ब्लॉक के 4 ग्राम पंचायतों में 80,53,621 रुपये, मुरादाबाद ब्लॉक के 2 ग्राम पंचायतों में 83,51,558 रुपये, डिलारी ब्लॉक के 3 ग्राम पंचायतों में 39,89,999 रुपये, बिलारी ब्लॉक के 6 ग्राम पंचायतों में 98,02,174 रुपये, कुंदरकी ब्लॉक के 5 ग्राम पंचायतों में 75,79,907 रुपये, मूंढापांडे ब्लॉक के 7 ग्राम पंचायतों में 54,06,136 रुपये, भगतपुर टांडा ब्लॉक के 3 ग्राम पंचायतों में 44,99,948 रुपये और ठाकुरद्वारा ब्लॉक के 7 ग्राम पंचायतों में 22,71,299 रुपये सहित कुल 4,99,54,642 रुपये गलत तरीके से निकाले गए।


4:- वित्तीय वर्ष 2019-20 में छजलैट ब्लॉक के 4 ग्राम पंचायतों में 24,34,530 रुपये, मुरादाबाद ब्लॉक के 2 ग्राम पंचायतों में 1,32,866 रुपये, डिलारी ब्लॉक के 1 ग्राम पंचायत में 2,41,990 रुपये, बिलारी ब्लॉक के 9 ग्राम पंचायतों में 1,29,62,973 रुपये, कुंदरकी ब्लॉक के 5 ग्राम पंचायतों में 38,17,952 रुपये, मूंढापांडे ब्लॉक के 3 ग्राम पंचायतों में 2,55,501 रुपये, भगतपुर टांडा ब्लॉक के 1 ग्राम पंचायत में 5,71,2408 रुपये और ठाकुरद्वारा ब्लॉक के 2 ग्राम पंचायतों में 4,87,831 रुपये सहित कुल 15,54,2143 रुपये गलत तरीके से निकाले गए।


अधिकारी की प्रतिक्रिया

जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक शर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में ग्राम पंचायतों में खर्च की गई धनराशि के बिल वाउचर फर्जी पाए गए हैं। इससे चार वित्तीय वर्षों में लगभग 9.91 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। संबंधित ग्राम प्रधानों और सचिवों को नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन अधिकांश ने अब तक धनराशि जमा नहीं की है और न ही सही बिल वाउचर प्रस्तुत किए हैं। ऐसे में अब राजस्व वसूली प्रमाण-पत्र (आरसी) जारी कर उनकी संपत्ति से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।