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मूनक पंचायत: विकास की नई मिसाल

हरियाणा के करनाल जिले की मूनक पंचायत ने विकास की एक अनूठी कहानी प्रस्तुत की है। 350 एकड़ भूमि और दो करोड़ रुपये की वार्षिक आय के साथ, यह पंचायत शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई कदम उठा रही है। सरपंच फूल कुमारी और उनकी टीम ने गांव को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिसमें IIT खोलने का प्रस्ताव भी शामिल है। जानें कैसे मूनक ने अपने संसाधनों का सही उपयोग कर अन्य गांवों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
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मूनक पंचायत: विकास की नई मिसाल

मूनक पंचायत का विकास

मूनक, (करनाल)। हरियाणा के करनाल जिले की मूनक पंचायत ने विकास की एक अनूठी कहानी प्रस्तुत की है, जो सभी के लिए प्रेरणादायक है। यह पंचायत जिले की सबसे समृद्ध पंचायतों में से एक मानी जाती है, जिसके पास 350 एकड़ भूमि है, जिससे हर साल लगभग दो करोड़ रुपये की आय होती है। इस आय का एक बड़ा हिस्सा गांव के विकास में लगाया जाता है, जिससे मूनक अब विकास का प्रतीक बन चुका है। उल्लेखनीय है कि पंचायत ने 300 एकड़ भूमि पर IIT खोलने के लिए सरकार को प्रस्ताव दिया है। आइए जानते हैं कि मूनक ने अपने संसाधनों का उपयोग करके कैसे अपने गांव को विकसित किया और अन्य गांवों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।


मूनक का विकास

मूनक की 20,000 की जनसंख्या और 10,000 मतदाताओं ने अपने संसाधनों का कुशलता से उपयोग किया है, जिससे गांव की स्थिति में सुधार हुआ है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, धार्मिक स्थलों और बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। पंचायत ने बाबा साहेब आंबेडकर चौक को ज्ञान का केंद्र बनाया है, जहां आंबेडकर भवन परिसर में इंटरलॉक टाइल्स और पौधारोपण से सुंदरता बढ़ाई गई है। छात्रों के लिए ई-लाइब्रेरी, खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम का मुख्य द्वार और आउटडोर जिम का निर्माण किया गया है। गोशालाओं में शौचालय, चारदीवारी और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।


शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार

मूनक में पीएम श्री राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, राजकीय कन्या हाई स्कूल और प्राथमिक पाठशाला स्थित हैं। बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए 10 आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु अस्पताल, पटवारखाना और सात सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। पंचायत ने इन संस्थानों को सुदृढ़ कर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया है। स्कूलों में शौचालय, शेड और पंखे लगाए गए हैं, जबकि श्मशान घाट में चारदीवारी, छत और गलियों का निर्माण किया गया है। धार्मिक स्थलों जैसे गुरुद्वारा, सत्संग भवन और वाल्मीकि धर्मशाला में भी सुविधाएं बढ़ाई गई हैं।


बुनियादी ढांचे में सुधार

पंचायत भवन की मरम्मत कर नई दीवार बनाई गई है। महात्मा गांधी ग्रामीण वस्ती में पक्की गलियां और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है। खेतों तक जाने वाले रास्तों का निर्माण किया गया है और नालों व पुलियों से जल निकासी की व्यवस्था की गई है। 50 एकड़ भूमि बिजली विभाग को और 12 एकड़ गोशाला के लिए दी गई है। इसके अलावा, शामलात भूमि पर छह ट्यूबवेल घर बनाए गए हैं। अब पंचायत मुख्य चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे और हाई मास्ट लाइट लगाने की योजना बना रही है ताकि सुरक्षा और सुविधाएं और बेहतर हो सकें।


सरपंच की मेहनत और प्रेरणा

इस विकास में सरपंच फूल कुमारी, सचिव नेत्रपाल राणा और 20 पंचों की मेहनत शामिल है। मूनक पंचायत ने यह साबित कर दिया है कि यदि संसाधनों का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो कोई भी गांव आत्मनिर्भर बन सकता है। 300 एकड़ भूमि IIT के लिए प्रस्तावित कर पंचायत ने शिक्षा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मूनक अब अन्य गांवों के लिए एक उदाहरण बन चुका है, जिससे कई पंचायतें प्रेरणा ले रही हैं।