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मैसूर अस्पताल में दिल की जांच के लिए लंबी कतारें, हासन में बढ़ी मौतों की चिंता

कर्नाटक के हासन जिले में दिल के दौरे से हुई मौतों के कारण लोग मैसूर के जयदेव अस्पताल में जांच कराने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं। अस्पताल के डॉक्टरों ने लोगों को घबराने से मना किया है और जीवनशैली में सुधार की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष समिति का गठन किया है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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मैसूर अस्पताल में दिल की जांच के लिए लंबी कतारें, हासन में बढ़ी मौतों की चिंता

मैसूर अस्पताल में बढ़ती भीड़

मैसूर अस्पताल में लंबी कतारें: कर्नाटक में दिल के दौरे के मामलों में अचानक वृद्धि के कारण लोग चिंतित हैं। हासन जिले में हुई मौतों की बढ़ती संख्या ने लोगों को दिल की जांच के लिए मैसूर के जयदेव अस्पताल की ओर दौड़ने पर मजबूर कर दिया है। इस स्थिति के चलते अस्पताल की कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं।


अस्पताल के बाहर लोगों की लंबी कतारें सुबह से ही देखी जा रही हैं, क्योंकि दिल से जुड़ी मौतों की खबरों ने उन्हें भयभीत कर दिया है। अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। डॉ. के.एस. सदानंद, जो जयदेव अस्पताल के प्रमुख हैं, ने बताया कि केवल एक जांच से समस्या का समाधान नहीं होगा।


उन्होंने सलाह दी कि लोगों को न केवल जयदेव अस्पताल में, बल्कि किसी भी नजदीकी अस्पताल में दिल की जांच करानी चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने जीवनशैली पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया, जैसे नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनावमुक्त रहना। यदि सभी लोग केवल एक ही अस्पताल में आएंगे, तो पहले से बीमार मरीजों का इलाज करना कठिन हो जाएगा।


हासन जिले में हड़कंप

हासन जिले में मचा हड़कंप:


हासन जिले में पिछले 40 दिनों में 23 लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है, जिससे हड़कंप मच गया है। इनमें से कई लोग युवा थे, जिनकी उम्र 19 से 25 वर्ष के बीच थी। इस घटना ने अधिकतर लोगों को अस्पतालों, विशेषकर मैसूर और बेंगलुरु के जयदेव अस्पताल की ओर जाने के लिए मजबूर कर दिया। कई लोग हासन और उसके आस-पास के क्षेत्रों से जांच कराने आए हैं।


कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस गंभीर मामले को ध्यान में रखते हुए जयदेव संस्थान के निदेशक डॉ. के.एस. रवींद्रनाथ की अध्यक्षता में एक विशेष समिति का गठन किया है, ताकि इन मौतों के कारणों का पता लगाया जा सके।