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मोटापे से निपटने के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स का महत्व

मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) को समझना बेहद जरूरी है। यह लेख बताता है कि कैसे कम GI वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करके आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं। जानें कि कौन से खाद्य पदार्थ उच्च और कम GI वाले हैं और उन्हें अपने आहार में कैसे शामिल करें। सही खाने की आदतें अपनाकर आप न केवल मोटापे से बच सकते हैं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी दूर रह सकते हैं।
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मोटापे से निपटने के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स का महत्व

मोटापे की समस्या और ग्लाइसेमिक इंडेक्स

आजकल मोटापे की समस्या हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। न्यूट्रिशनिस्ट इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) को कम करने पर जोर दे रहे हैं। यह जानना आवश्यक है कि जीआई वास्तव में क्या है। हमारे आहार में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो शरीर के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत हैं। ये दिमाग, मांसपेशियों और अन्य महत्वपूर्ण अंगों के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। जब भोजन पाचन तंत्र में प्रवेश करता है, तो कार्बोहाइड्रेट शुगर में टूटकर रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ाते हैं। जीआई इस प्रक्रिया की गति को मापता है।


जीआई के अनुसार खाद्य पदार्थ
अगर कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन तेजी से ग्लूकोज में परिवर्तित होता है और रक्त में जल्दी मिल जाता है, तो उसे उच्च जीआई वाला भोजन माना जाता है। इसके विपरीत, यदि भोजन धीरे-धीरे ग्लूकोज में बदलता है और रक्त में धीरे-धीरे मिलता है, तो वह कम जीआई वाला भोजन है। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की डाइटीशियन डॉ. स्वप्ना चतुर्वेदी के अनुसार, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे मोटापा, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप को रोकने और नियंत्रित करने के लिए कम जीआई वाले खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। उच्च जीआई वाले खाद्य पदार्थों के बजाय, जैसे सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का सेवन करें। बादाम, चना दाल, दही, दूध, पनीर, संतरा, पपीता, आम, तरबूज और केला जैसे खाद्य पदार्थ कम जीआई वाले होते हैं।


खाने की आदतें
वजन कम करने के लिए कम जीआई वाला भोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि किसी खाद्य पदार्थ का जीआई 55 या इससे कम है, तो वह धीरे-धीरे पचता है और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। वहीं, यदि जीआई 70 या उससे अधिक है, तो जल्दी भूख लगती है, जिससे अधिक खाने की संभावना बढ़ जाती है। भरवां परांठे के बजाय भरवां रोटी का सेवन करें। समोसे या पकौड़े की जगह इडली, उपमा या पोहा लें। मिठाई के स्थान पर गुड़ या सूखे मेवे का सेवन करें। कोल्ड ड्रिंक की जगह नारियल या नींबू पानी का सेवन करें। दूध वाली चाय के बजाय हर्बल टी या लेमन टी का विकल्प चुनें। जूस की जगह संतरा या मौसमी खाएं।