मोहम्मद शमी और हसीन जहां के बीच कानूनी लड़ाई में नया मोड़

मोहम्मद शमी-हसीन जहां का विवाद
मोहम्मद शमी-हसीन जहां: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी पूर्व पत्नी हसीन जहां के बीच चल रही कानूनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। कोलकाता हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि शमी हर महीने हसीन जहां और उनकी बेटी को 4 लाख रुपये का गुजारा भत्ता देंगे। इस फैसले के बाद हसीन जहां ने शमी पर तीखा हमला करते हुए कहा, "जिस व्यक्ति ने कभी कुछ नहीं किया, वह अब घमंड में है और अपनी पत्नी और बच्चे की परवाह नहीं कर रहा। जब उसका घमंड टूटेगा, तब उसे हमारी याद आएगी।"
हसीन जहां की जीत का जश्न
हसीन जहां ने आदेश को अपनी बड़ी जीत बताया
हसीन जहां ने कोर्ट के इस निर्णय को अपनी बड़ी जीत मानते हुए कहा कि वह और उनकी बेटी भी उसी स्तर की जिंदगी जीने की हकदार हैं जैसी शमी जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि "हमने यह केस 2018 में दायर किया था। आर्थिक तंगी के कारण मैं अपनी बेटी को अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ा पा रही थी, लेकिन अब कोर्ट के इस फैसले से काफी राहत मिलेगी।" हसीन जहां ने यह भी आरोप लगाया कि शमी ने लंबे समय से न तो उनसे और न ही अपनी बेटी से कोई संपर्क किया है। उन्होंने कहा, "शमी आखिरी बार सिर्फ जस्टिस के डर से अपनी बेटी से मिलने आए थे।"
गुजारा भत्ते की राशि पर हसीन जहां की प्रतिक्रिया
यह रकम और ज्यादा होनी चाहिए- हसीन जहां
गुजारा भत्ते की राशि को लेकर हसीन जहां ने कोर्ट के फैसले पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन साथ ही कहा कि यह राशि और अधिक होनी चाहिए थी। "मैंने याचिका में 4 लाख से ज्यादा की मांग की थी। फिर भी कोर्ट के निर्णय के लिए मैं धन्यवाद देती हूं," उन्होंने कहा। इस फैसले से हसीन जहां को राहत मिली है, जबकि शमी की तरफ से इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।