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यमुना प्राधिकरण ने इमारतों के लिए अनिवार्य किया स्ट्रक्चरल ऑडिट

यमुना प्राधिकरण ने क्षेत्र में इमारतों की मजबूती और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह कदम विशेष रूप से नोएडा एयरपोर्ट के निकट स्थित इमारतों के लिए लागू होगा। बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसमें IIT जैसे तकनीकी संस्थानों से ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, बिल्डिंग बायलॉज में भी बदलाव किए जाएंगे। जानें इस प्रक्रिया के पीछे के कारण और इसके महत्व के बारे में।
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यमुना प्राधिकरण ने इमारतों के लिए अनिवार्य किया स्ट्रक्चरल ऑडिट

स्ट्रक्चरल ऑडिट की अनिवार्यता

Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने क्षेत्र में स्थित इमारतों की सुरक्षा और मजबूती को सुनिश्चित करने के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। विशेष रूप से, नोएडा एयरपोर्ट के निकट स्थित इमारतों का आडिट किया जाएगा। इस प्रस्ताव को शनिवार को आयोजित 86वीं बोर्ड बैठक में स्वीकृति मिली। इसके अंतर्गत, IIT रुड़की या IIT दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों से इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा। बोर्ड ने यह भी तय किया है कि भविष्य में किसी भी बिल्डिंग को कंप्लीशन प्रमाण पत्र केवल स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही जारी किया जाएगा। यह कदम इमारतों की गुणवत्ता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव

बिल्डिंग बायलॉज में होगा बदलाव
यीडा ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में कलर कोडिंग जोन में आने वाली इमारतों के लिए बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है। इसके लिए एक सलाहकार संस्था की नियुक्ति की जाएगी। इन जोन में इमारतों की ऊंचाई और ग्राउंड कवरेज (फ्लोर एरिया रेशियो) निर्धारित किया जाएगा।


सीईओ का बयान

क्या बोले सीईओ?
यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने कहा कि इमारतों के निर्माण में गुणवत्ता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। स्ट्रक्चरल ऑडिट की अनिवार्यता से तकनीकी दृष्टि से इमारतों की मजबूती का मूल्यांकन किया जा सकेगा, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना की संभावना को कम किया जा सकेगा।