यमुना सिटी के किसानों के लिए 18 जून का महत्व: शिफ्टिंग पॉलिसी पर होगा निर्णय

महत्वपूर्ण तारीख: 18 जून
Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी में किसानों के लिए 18 जून की तारीख बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाली है। शिफ्टिंग पॉलिसी के तहत वर्षों से समस्याओं का सामना कर रहे किसानों को इस महीने यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में होने वाले निर्णय का बेसब्री से इंतजार है। इस बैठक में शिफ्टिंग से संबंधित 88 मामलों पर चर्चा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल दिसंबर में आबादी शिफ्टिंग पॉलिसी पर निर्णय लेने का अधिकार प्राधिकरण बोर्ड को सौंपा था।
किसानों के सुझावों की मांग
किसानों के सुझावों की मांग
बोर्ड बैठक के बाद किसानों से उनकी आपत्तियों और सुझावों को मांगा जाएगा। सभी मामलों में निर्णय के बाद शिफ्टिंग पॉलिसी को लागू किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसान लंबे समय से इस नीति का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि बोर्ड बैठक में निर्णय उनके पक्ष में आएगा।
बोर्ड बैठक में चर्चा के मुद्दे
बोर्ड बैठक में चर्चा के मुद्दे
शिफ्टिंग पॉलिसी के अलावा, बैकलीज के 289 मामलों पर भी चर्चा की जा सकती है। किसान कई वर्षों से बैकलीज की मांग कर रहे हैं। पूर्व में प्रदेश सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया था कि आबादी शिफ्टिंग और बैकलीज दोनों मामलों का समाधान किया जाएगा। अब 18 जून को यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक से किसानों को उम्मीद है कि दोनों मुद्दों का समाधान होगा। यदि ऐसा होता है, तो यह यमुना सिटी के किसानों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
शिफ्टिंग का स्थान
शिफ्टिंग का स्थान
प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, यदि यमुना प्राधिकरण के नियोजित क्षेत्र में किसी किसान की आबादी है, तो उसकी शिफ्टिंग गांव की पेरीफेरी रोड के अंदर की जाएगी। यह नियम सभी किसानों पर लागू होगा। इस योजना का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा जो गौतमबुद्धनगर जिले के मूल निवासी हैं।
ओटीएस योजना पर चर्चा
ओटीएस योजना पर चर्चा
यमुना सिटी में निवेश करने वाले आवंटियों को ब्याज से राहत देने के लिए प्राधिकरण ओटीएस योजना लाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत प्रॉपर्टी का एकमुश्त भुगतान करना होगा। यदि बोर्ड बैठक में इस योजना को मंजूरी मिलती है, तो इसे तुरंत लागू किया जाएगा।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने बताया कि आवंटियों को ब्याज न देना पड़े, इसके लिए ओटीएस योजना पर विचार चल रहा है। यह योजना सभी आवंटियों पर लागू होगी, चाहे उनकी भूमि ग्रुप हाउसिंग की हो या औद्योगिक।