यमुनानगर पावर प्लांट में 72 हजार करोड़ का नया यूनिट, 2029 तक शुरू होगा बिजली उत्पादन

यमुनानगर पावर प्लांट में नई क्रांति
यमुनानगर पावर प्लांट में 72 हजार करोड़ का नया यूनिट, 2029 तक शुरू होगा बिजली उत्पादन: हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (HPGCL) यमुनानगर पावर प्लांट में एक नई क्रांति लाने की तैयारी कर रहा है। चौधरी छोटू राम थर्मल पावर प्लांट (DCRTPP) में 1800 मेगावाट की अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस प्रोजेक्ट की लागत 7,272 करोड़ रुपये है और इसे भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। यह यूनिट 2029 तक बिजली उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है, जो हरियाणा की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगी।
यमुनानगर पावर प्लांट: प्रोजेक्ट की प्रगति
HPGCL के चेयरमैन संजीव कौशल ने हाल ही में BHEL के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें यमुनानगर पावर प्लांट के विस्तार कार्य की प्रगति पर चर्चा की गई। BHEL ने 432 तकनीकी नक्शों में से 106 को मंजूरी दी है। पाइलिंग कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है, जिसमें 15 कंपनियों ने भाग लिया है। इसके साथ ही, सीमेंट और स्टील की खरीद भी प्रारंभ हो चुकी है। यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
निर्माण कार्य और समयसीमा
यमुनानगर पावर प्लांट की नई यूनिट को मौजूदा इकाइयों से अलग करने के लिए कर्टेन वाल का निर्माण जून 2025 तक पूरा किया जाएगा। ढांचागत कार्य जुलाई 2025 तक समाप्त होने की उम्मीद है। बॉयलर लाइट-अप अगस्त 2028 में होगा, और मार्च 2029 तक यूनिट व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर देगी। डेडिकेटेड रेलवे साइडिंग की व्यवहार्यता रिपोर्ट भी तैयार है, जो हरियाणा के बिजली ढांचे को मजबूत करेगी।
पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता
HPGCL पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर है। यमुनानगर पावर प्लांट के पास 110 हेक्टेयर में ग्रीन बेल्ट विकसित की जा रही है। इसके अतिरिक्त, क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए पौधारोपण की योजना भी बनाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी, जो ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
भूमि अधिग्रहण
प्रोजेक्ट के लिए 56 एकड़ भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है, जिसमें से 35 एकड़ साइट स्टोर के लिए सुरक्षित की जा चुकी है। मिट्टी भराव और चारदीवारी का निर्माण सुचारू रूप से हो रहा है। BHEL ने अस्थायी 19 किलोवाट और स्थायी 250 किलोवाट बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया है। संजीव कौशल ने BHEL की सक्रियता की सराहना की और कहा कि यह प्रोजेक्ट हरियाणा की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यमुनानगर पावर प्लांट का महत्व
यमुनानगर पावर प्लांट का यह विस्तार हरियाणा के लिए गर्व का विषय है। यह न केवल बिजली उत्पादन को बढ़ाएगा, बल्कि टिकाऊ ऊर्जा समाधान की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। 2029 तक यह यूनिट लाखों घरों को रोशनी प्रदान करेगी और HPGCL तथा BHEL की साझेदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी।